चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से वर्ष 2024-25 की नई आबकारी नीति में की सख्ती
चंडीगढ़ में इस तारिख से होगी शराब ठेकों की नीलामी शुरू
शर्तें ठेका लेने के लिए जरूरी शर्तें पढिय़े
चंडीगढ, 24 फरवरी (विश्ववार्ता) चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से वर्ष 2024-25 की नई आबकारी नीति में सख्ती कर दी गई है। चंडीगढ़ में नई आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई है। इसके तहत कैंबवाला, खुड्डा अलीशेर में नए ठेके (हृद्ग2 ष्टशठ्ठह्लह्म्ड्डष्ह्लह्य) खुलेंगे। वहीं 84 इकाइयों को लाइसेंस मिलेगा। वहीं सहभागिता शुल्क में राहत दी गई है। अब साढ़े तीन लाख की बजाय दो लाख रुपये सहभागिता शुल्क के तौर पर जमा कराने होंगे।
चंडीगढ़ में नई आबकारी नीति को मंजूरी मिल गई है। उन सभी की पुलिस वेरिफिकेशन होने के बाद ही उन्हें बोली में हिस्सा लेने दिया जाएगा। जिसके चलते कई कारोबारियों के चेहरों पर मायूसी भी देखने को मिल रही है। क्योंकि जो काफी समय से शहर में अपना दबदबा बनाकर बैठे हुए है। इनमें से अबकी बार कई चेहरे नहीं दिखाई देगें। चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा शराब ठेकों की नीलामी 26 फरवरी से शुरू की जाएगी।
नई आबकारी नीति में सहभागिता शुल्क में बोली दाताओं को बड़ी राहत दी गई है। ई-टेंडरिंग में भाग लेने वाले बोली दाताओं को अब साढ़े 3 लाख रुपए की जगह 2 लाख ही सहभागिता शुल्क के रूप में जमा करवाने होंगे। चंडीगढ़ प्रशासन की बहु-प्रतीक्षित आबकारी नीति को मंजूरी देते प्रशासन ने शराब के सभी रिटेल वेंडर्स के लिए 26 फरवरी से इन नीलामी शुरू करने का निर्णय लिया है।
अब रात के समय अतिरिक्त 2 घंटे तक शराब परोसने के लिए रेस्तरां, होटल और बार संचालकों को लाइसेंस के लिए 2 लाख रुपए और देने होंगे। अगर बार, पब और रेस्तरां में ध्वनि प्रदूषण आदि से संबंधित नियमों की उल्लंघना होती है तो उसका आबकारी लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। आपराधिक मामले में सजा प्राप्त अभ्यर्थी नीलामी में भाग नहीं ले सकेंगे, शराब-फरोख्त पर नजर रखने के लिए विभाग ने नई नीति में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम का प्रावधान रखा है।
इस बार विभाग की ओर से कुल 84 इकाइयों को लाइसेंस दिए जाएंगे और विभाग की ओर से चिन्हित 10 इकाइयों के सफल बोलीदाता एक से ज्यादा यूनिट खोल सकते है। 74 लाइसेंसी इकाइयां सिंगल एंड यूनिट के रूप में खोली जाएगी। इसके अतिरिक्त प्रशासन द्वारा कैंबवाला और खुड्डा अलीशेर में 2 नए शराब ठेके खोले जाएगें। नई नीति में भारत में निर्मित विदेशी शराब का कोटा घटाया गया है। जबकि मांग बढऩे से कंट्री लिकर और आयातित विदेशी शराब के कोटे में भी बढ़ोतरी की गई है।