किसानों के दिल्ली कूच को लेकर सब्जियों के दाम छूने लगे आसमान
बार्डर एरियो मे रहने वालो लोगो को सताने लगा यह डर
चंडीगढ, 21 फरवरी (विश्ववार्ता) किसान आंदोलन को आज 8वां दिन है और आज किसानो का दिल्ली कूच है वही बार्डर एरियो मे रहने वाले स्थानीय लोगो को फिर से डर सताने लगा है कि किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर आकर जम गए, तो उनका जीना मुहाल हो जाएगा। यदि आंदोलन लंबा चला, तो इससे न केवल दिल्ली आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा, बल्कि आवश्यक वस्तुओं के दाम भी बढ़ जाएंगे। अभी की स्थिति में ही सब्जियों के दामों में अचानक बढ़ोतरी होने लगी है। दिल्ली के कल-कारखानों में आवश्यक कच्चे माल की सप्लाई बाधित होने से हजारों करोड़ का नुकसान हो चुका है। यदि आंदोलन लंबा चलता है तो इस नुकसान को झेलना मुश्किल हो जाएगा।
सामान्य तौर पर इस समय सब्जियों का भाव नीचे रहता है। किसानों के खेतों में भारी मात्रा में हरी सब्जियां पैदा होती हैं और वे सीधे या बिचौलियों के माध्यम से इसे आजादपुर, गाजीपुर, केशोपुर सब्जी मंडी तक पहुंचाते हैं। इससे सब्जियों के भाव अपेक्षाकृत कम बने रहते हैं। अभी तक आलू के दाम दस रुपये प्रति किलो तक चल रहे थे, लेकिन किसानों के दिल्ली आने और बॉर्डर सील होने की खबरों के बीच आलू के दामों में अचानक बढ़ोतरी हो गई है। आलू के दाम अचानक 15 से 20 रुपये किलो तक बढ़ गए हैं। यानी सबसे प्रमुख सब्जी आलू के दामों में ही खुदरा मार्केट में डेढ़ से दो गुने तक की वृद्धि हो गई है।
यह असर टमाटर, मटर, शिमला मिर्च जैसी सब्जियों पर भी पड़ा है। टमाटर अब 20 की बजाय 30 रुपये किलो, मटर 20 की बजाय 40 रुपये किलो और शिमला मिर्च 80 से 100 रुपये किलो तक हो गया है। यदि आंदोलन आगे बढ़ा तो इससे आम लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। खुद सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि अब सब्जी ले जाने के लिए उन्हें जो ऑटो, ट्रक ले जा रहे हैं, उन्हें सडक़ बंद होने के कारण लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है, जिससे वे डेढ़ से दो गुने तक दाम वसूल रहे हैं। इसका असर सब्जियों की कीमतों पर पड़ रहा है।