कांग्रेस सरकार गुरमीत राम रहीम के खिलाफ जानबूझकर कार्रवाई न करने पर जोर दे रही: शिरोमणी अकाली दल
चंडीगढ़,14जुलाई(विश्ववार्ता ): शिरोमणी अकाली दल ने आज जोर देकर कहा है कि कांग्रेस सरकार जानबूझकर सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को आगामी विधानसभा चुनावों में डेरा से समर्थन देने के बदले बरगाड़ी मामले में बेअदबी की साजिश रचने के लिए जिम्मेदार नही ठहरा रहे है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल के प्रवक्ता सरदार विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि गुरमीत राम रहीम को दी गई सोच कर राहत दी गई थी, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कांग्रेस पार्टी के लिए समर्थन हासिल करने के लिए डेरा प्रमुख को राहत दे रही है।
सरदार वल्टोहा ने कहा कि यह निंदनीय है कि गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामले में (एफआईआर संख्या 128) में अभियुक्त के रूप में नामजद नही किया गया था, भले की श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के मामले में (एफआईआर संख्या 63 ) की चोरी की साजिश में उनकी भूमिका साबित हो गई थी । उन्होने कहा कि चूंकि दोनों मामले डेरा प्रमुख से जुड़े हुए थे, इसीलिए एफआईआर नंबर 128 में भी आरोपी का नाम होना चाहिए।
सरदार वल्टोहा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2017 में रंजीत सिंह आयोग के माध्यम से गुरमीत राम रहीम को बचाया था, जिसने केवल छह डेरा समर्थकों तक ही बेअदबी की घटना को सीमित कर दिया था। ‘‘ आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यह कोटकपुरा मामले तक सीमित है तथा इस घटना को छह डेरा अनुनायियों ने इस अपराध को अंजाम दिया था। इसकी नींव सिरसा डेरा और गुरमीत राम रहीम की और जाने वाली सड़कों को बंद कर रखी गई थी। सिट ने अब इस मामले में चालान पेश किया है तथा कांग्रेस सरकार के गेम प्लान को अंजाम देते हुए सरकार के दबाव में आकर डेरा प्रमुख को राहत दी है’’।
सरदार वल्टोहा ने बरगाड़ी बेअबदबी की जांच का राजनीतिकरण करने के लिए निंदा करते हुए कहा कि सिर्फ इतना ही नही , कांग्रेस सरकार को डेरा प्रमुख से पूछताछ करने की अनुमति मिल गई थी, लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रही है। ‘ इसने बेअदबी मामले में घोषित किए गए तीन आरोपियों डेरा अनुनायियों को पकड़ने के लिए कोई कोशिश नही की है। इस तथ्य के बावजूद कि एक प्रतिदवंदी डेरा गुट ने रिकाॅर्ड में कहा कि तीनो आरोपी – हर्ष धूरी, संदीप बरेटा तथ प्रदीप कलेर अभी भी डेरा से जुड़े हुए हैं ’’।
अकाली नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2017 के मौर बम विस्फोट मामले में भी गुरमीत राम रहीम के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की थी। उन्होने कहा कि पंजाब पुलिस ने संकेत दिया था कि मौड़ ब्लास्ट में इस्तेमाल किया गया बम, जिसमें पांच बच्चों समेत सात लोग मारे गए थे, सिरसा डेरा में इकटठे हुए थे। ‘‘ विस्फोट पीड़ितों के परिजन भी डेरा प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार ने पिछले साढ़े चाल साल से मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है ’’।
सरदार वल्टोहा ने कहा कि वोटों के लिए डेरे के साथ तुष्टिकरण तथा मिलीभगत की इस नीति के एकदम विपरीत पूर्ववर्ती शिरोमणी अकाली दल की सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने गुरमीत राम रहीम को बेअदबी के मामले में आरोपी के रूप में नामित किया था। ‘’ यह भी सच है कि अकाली दल की डेरे के साथ कभी राजनीतिक सांझ नही रही। यह कांग्रेस पार्टी के एकदम विपरीत है, जिसने सिरसा डेरा ने 2007 तथा 2012 में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की थी’’।