-‘आप’ जल्द ही मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह के फार्म हाऊस सिसवां का करेगी घेराव- हरपाल सिंह चीमा
🏼-हरपाल सिंह चीमा ने कानूनी लड़ाई लडऩे का किया ऐलान
चण्डीगढ़, 3 अक्तूबर 2020 (विश्ववार्ता):दलित परिवारों से सम्बन्धित केंद्र सरकार की पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप (वजीफा) योजना में हुए लगभग 64 करोड़ रुपए के ताजा घपले के लिए पंजाब सरकार की ओर से गठित तीन आई.ए.एस अफसरों की जांच समिति की ओर से कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को ‘कालीन चिट्ट’ देने और तत्कालीन डायरैक्टर और मौजूदा कांग्रेसी विधायक बलविन्दर सिंह धालीवाल की पूछ पड़ताल न किए जाने का सख्त नोटिस लेते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने इस जांच रिपोर्ट को सिरे से रद्द कर दिया है।
शनिवार यहां प्रैस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुए पार्टी के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी की ओर से तथ्यों और दस्तावेजों के आधार पर नंगा किया। इस 64 करोड़ रुपए के घोटाले के बारे में मंत्री धर्मसोत और उसके पूरे भ्रष्टाचारी गिरोह पर कार्यवाही करने की बजाए अमरिन्दर सिंह सरकार ने उसी रिवायती तरीके से अपने भ्रष्ट मंत्री को ‘कालीन चिट्ट’ जारी कर दी, जैसे रेता-बजरी माफिया और गुंडा टैकस मामले समेत बाकी घोटालों में ‘कालीन चिट्ट’ जारी होती आ रही हैं, बिल्कुल यही विधि बादल अपनाते थे।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा, ‘‘हम इस फर्जी कालीन चिट्ट जांच को नहीं मानते। यह दलित वर्ग के लाखों होनहार विद्यार्थियों के साथ दोहरा धोखा है। घपले का बड़ा हिस्सा मुख्यमंत्री के सिसवां फार्म हाऊस पर पहुंचा है। यही कारण है कि शरेआम हुए इस बहुकरोड़ी घोटाले में धर्मसोत को आंखें बंद कर कालीन चिट्ट जारी की गई है। इसके विरोध में आम आदमी पार्टी जल्दी ही मुख्य मंत्री के सिसवां (न्यू चण्डीगढ़) स्थित शाही फार्म हाऊस के समक्ष रोष प्रदर्शन करके राजे की सो रही जमीर को जगाऐगी।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि ‘आप’ जहां सिसवां फार्म हाऊस का घेराव करेगी, वहीं अमरीक सिंह बंगड़ के द्वारा आल इंडिया अम्बेडकर महा सभा की ओर से माननीय पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में इस घोटाले के विरुद्ध पटीशन दायर करके हाईकोर्ट के मौजूदा जज की निगरानी में इस की सीबीआई जांच मांगेगी। इस कानूनी लड़ाई के लिए पार्टी अमरीक सिंह बंगड़ की संस्था को वकील भी मुहैया करवाया जाएगा।
चीमा ने केंद्र की भाजपा सरकार पर दलित विरोधी मानसिकता के दोष लगाते हुए कहा कि यदि मोदी सरकार की नीति और नीयत साफ होती तो न केवल धर्मसोत मामले में गठित की जांच समिति अब तक सभी दोषियों को गिरफ्तार करवा चुकी होती, बल्कि 2012 से लेकर इस वजीफा योजना में हुए 1200 करोड़ से अधिक के घोटाले के दोषियों को भी सलाखों के पीछे कर दलित विद्यार्थियों को इंसाफ दे चुकी होती।
हरपाल सिंह चीमा ने दोष लगाया कि सत्ताधारी कांग्रेस, अकाली दल बादल और भाजपा सोची समझी साजिश के अंतर्गत दलितों और आम घरों के बच्चों को पढ़ाई से वंचित रख रही हैं। जिससे यह वर्ग सिर्फ उनके वोट बैंक तक सीमित रहे। उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली में केजरीवाल की सरकार शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत दलितों और जरूरतमंद विद्यार्थियों को प्राईवेट स्कूलों से लेकर बड़े कोचिंग सेंटरों में बनते दाखिले करवा सकती है तो पंजाब में ऐसा क्यों नहीं हो रहा? इस मौके पार्टी नेता गोविन्दर मित्तल भी उपस्थित थे।