चंडीगढ़, 20 मार्च (विश्ववार्ता):पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक प्रचार और दावे के मामले में स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। दोनों को व्यक्तिगत रूप से सुप्रीम कोर्ट बुला लिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज मामले में सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।बताया जाता है कि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में नोटिस का जवाब न देने पर अवमानना की कार्रवाई में पतंजलि के सह-संस्थापक स्वामी रामदेव और एमडी आचार्य बालकृष्ण पर नाराजगी जताते हुए कड़ी टिप्पणी भी की। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया कि मामले की अगली सुनवाई में रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होंगे। इस मामले में अब सुनवाई दो हफ़्ते बाद होगी।
जानकारी के मुताबिक, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को कारण बताओं नोटिस जारी करके पूछा था कि बताएं आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना की जाए? इस नोटिस पर जब सुप्रीम कोर्ट को जवाब नहीं मिला। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना की कार्रवाई की और रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दोनों को तलब कर लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट मानता है कि पहली नजर में इस मामले में दोनों की तरफ़ से कानून का उल्लंघन हुआ है। दरअसल पतंजलि पर आरोप है कि उसने मधुमेह, BP, थाइरॉइड, अस्थमा, ग्लूकोमा और गठिया जैसे रोगों के स्थाई समाधान/उन्मूलन के विज्ञापन दिए। जो भ्रामक विज्ञापन की श्रेणी में आते हैं।