सुप्रीम कोर्ट का बडा फैसला: GC के फैसले को ठहराया सही
नई दिल्ली 28 अगस्त (विश्ववार्ता): कोरोना महामारी के चलते स्कूल, कॉलेजो मे परीक्षाएं नहीं हो पा रही हैं।आलम यह है कि स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा के आगे की क्लास में प्रमोट करना पड़ रहा है।वहीं, जहां स्कूलों, कॉलेजों का यह हाल है वहीं विश्वविद्यालयों में फस्र्ट ईयर और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स को भी बिना परीक्षा के प्रमोट किया जा रहा है।इधर, अब जब फस्र्ट ईयर और सेकेंड ईयर के स्टूडेंट्स बिना परीक्षा के प्रमोट हो रहे हैं तो फाइनल ईयर यानि थर्ड ईयर वाले स्टूडेंट्स कह रहे हैं कि उन्हें भी बिना परीक्षा के पास किया जाए।इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया और याचिका दी कि कोरोना महामारी को देखते हुए उनके आंतरिक मूल्यांकन या पिछले प्रदर्शन के आधार पर उनका रिजल्ट निकाल दिया जाए।लेकिन इनकी बात बनी नहीं।
दरअसल, आज सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की और सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि University Grants Commission (UGC) के फाइनल ईयर की परीक्षाओं को कराने का फैसला बिल्कुल सही है। फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को यूं ही बिना परीक्षा के पास नही है किया जा सकता।साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि राज्य सरकारों को भी बिना परीक्षा छात्रों को पास करने का कोई अधिकार नहीं है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय के अंतिम वर्ष की परीक्षा आयोजित करानी जरूरी हैं।हां ये अलग बात है महामारी से पैदा हो रही स्थितियों को देखते हुए परीक्षाओं को टाला जा सकता है लेकिन रद्द नहीं किया जा सकता।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो राज्य 30 सितम्बर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के इच्छुक नहीं हैं, उन्हें यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी।वह आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत महामारी को देखते हुए परीक्षाएं आगे बढ़ा सकते हैं और यूजीसी से सलाह लेेेकरतब परीक्षाओं की तारीख तय कर सकते हैं।