-विधान सभा और पंजाब भवन के समक्ष पीपीई किटेंं डाल कर धरने पर बैठे ‘आप’ विधायकों के धरने में पहुंचे भगवंत मान और जरनैल सिंह
-प्रो. बलजिन्दर कौर, संधवां, अमन अरोड़ा ने सदन में संभाला मोर्चा
चण्डीगढ़, 28 अगस्त पंजाब विधान सभा के एक दिवसीय सत्र के दौरान मुख्य विरोधी पक्ष आम आदमी पार्टी (आप) ने सदन के अंदर और बाहर अमरिन्दर सिंह सरकार के साथ-साथ अकाली-भाजपा पर भी चौहतरफा हमला बोला।
‘आप’ विधायकों ने दोष लगाया कि सरकार और स्पीकर ने जहां मुख्य विरोधी पक्ष (आप) को परेशानी में डालने और सदन से दूर रखने के लिए हद से अधिक जोर लगाया, वहीं केंद्र सरकार के कृषि विरोधी अध्यादेशों और केंद्रीय बिजली संशोधन बिल-2020 के बारे में दोगला स्टैंड रखने वाले अकाली दल (बादल) को सदन के अंदर बदनामी से बचाने के लिए ‘तंग गली’ के द्वारा खिसकने का मौका दिया।
‘आप’ ने सबसे पहले हमला तब बोला जब नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा की सरकारी गृह पर भारी संख्या में पुलिस तैनात कर दी। चीमा की ओर से बुलाऐ गए मीडिया की हाजिरी के कारण पुलिस की घेराबन्दी ढीली पड़ी और चीमा, विरोधी पक्ष की उप नेता सरबजीत कौर माणूंके, अमन अरोड़ा, मीत हेयर, जै सिंह रोड़ी और मास्टर बलदेव सिंह पीपीई किटें पहन कर पंजाब विधान सभा के प्रवेश द्वार तक पहुंच गए। जहां उनको रोक लिया गया और वह गेट पर ही धरना लगा कर बैठ गए। सिर्फ कुलतार सिंह संधवां और प्रो. बलजिन्दर कौर को प्रेवश की इजाजत दी गई। काफी बहस के उपरांत अमन अरोड़ा, जै सिंह रोड़ी और मास्टर बलदेव सिंह को तो इजाजत दे दी परंतु चीमा, माणूंके और हेयर की तरफ से अपने कोरोना टैस्ट नेगेटिव और बिजनस अडवाइजरी समिति (बीएसी) का ताजा निमंत्रण पत्र दिखाऐ जाने के बावजूद भी अंदर नहीं जाने दिया गया। जिसके उपरांत हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में बीबी माणूंके और मीत हेयर पीपीई किटें पहने हुए उतनी देर पंजाब भवन के समक्ष धरने पर बैठे रहे जितनी देर सैशन खत्म करके बाकी साथी विधायक उनके साथ धरने पर नहीं आ बैठे। इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान और पंजाब के इंचार्ज जरनैल सिंह (विधायक) भी विशेष तौर पर चण्डीगढ़ पहुंचे और ‘आप’ विधायकों की ओर से सरकार के विरुद्ध लगाए धरने में शामिल हुए। इस मौके जहां सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई, वहीं मीडिया के द्वारा भगवंत मान, हरपाल सिंह चीमा, जरनैल सिंह और बाकी सभी विधायकों ने पंजाब सरकार, केंद्र सरकार और बादलों को जमकर कोसा और लोकतंत्र का हत्यारा बताया।