विश्ववार्ता विशेष: जालंधर लोकसभा उपचुनाव मे 19 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हुआ ईवीएम मे कैद

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विश्ववार्ता विशेष: जालंधर लोकसभा उपचुनाव मे 19 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हुआ ईवीएम मे कैद

छुट पुट घटनाओं को छोडकर शांतिपूर्ण रहा चुनाव

शाम 6 बजे तक 52.3 प्रतिशत हुआ मतदान,इन दो पार्टियों मे है कांटे का मुकाबला

चंडीगढ़, 10 मई (विश्ववार्ता) : जालंधर लोकसभा क्षेत्र के 9 विधानसभा क्षेत्रों में 1972 मतदान केंद्रों पर आज छिट पुट घटनाओं को छोडकर जिले मे शांतिपूर्ण मतदान सम्पन्न हुआ और शाम 6 बजे तक जिले मे 52.3 प्रतिशत मतदान हुआ। 19 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज ईवीएम मे बंद हो गया जोकि अब 13 मई को पता चलेगा किस पार्टी के सिर पर ताज सजा है।
अगर बात करे मुकाबले तो आप, कांग्रेस, बीजेपी और अकाली–बसपा के बीच माना जा रहा है। लेकिन विश्ववार्ता को अलग अलग हल्को से मिली जानकारी के अनुसार आप और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला माना जा रहा है जिसमे कोई भी पार्टी बाजी मार सकती है। विश्ववार्ता को मिली सूचना के अनुसार आप और कांग्रेस के बीच बेहद ही कम वोटो से किसी भी उम्मीदवार के सिर पर जालंधर सीट का ताज सज सकता है अकाली दल-बसपा और बीजेपी मे तो तीसरे व चौथे स्थान पर आने की लडाई है। बेशक नतीजे 13 मई को आयेगेें पर जो आज मतदान के दिन विश्वार्ता को मिली जानकारी के मुताबिक आप और कांग्रेस दोनो पार्टियों के बीच कडा मुकाबला है।
बता दें कि कांग्रेस के सांसद संतोख सिंह चौधरी के निधन के बाद जालंधर लोकसभा (सुरक्षित) सीट खाली हो गई थी जिस कारण उनकी खाली सीट को लेकर राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार अपना लक आजमा रहे हैं। सांसद संतोख सिंह चौधरी का जनवरी महीने में फिल्लौर में कांग्रेस की ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के दौरान दिल का दौरा पड़ा था।
जालंधर लोकसभा उपचुनाव मे आप’ पार्टी ने सुशील रिंकू को मैदान में उतारा है जिनका दलित समाज में अच्छा दबदबा है। सुशील रिंकू ने चुनाव प्रचार के दौरान ही कांग्रेस को छोड़ ‘आप’ का हाथ पकड़ा है। बता दें कि सुशील रिंकू पहले पश्चिमी सीट से विधायक रह चुके हैं। वही कांग्रेेस की तरफ से करमजीत कौर जो दिवंगत संतोख चौधरी की पत्नी है, भी कांग्रेस की ओर से चुनावी जंग में उम्मीदवार के तौर पर उतरी हैं करमजीत कौर पहली बार चुनाव लड़ रही है। इस जालंधर लोकसभा सीट पर देश की आजादी के बाद 14 बार कांग्रेस, 2 बार अकाली दल और 2 बार जनता दल जीत चुका है।
इसी चुनावी जंग में भाजपा की ओर से इंदर इकबाल सिंह अटवाल भी उतरे हैं जिन्होंने अकाली दल छोड़ भाजपा का हाथ थामा है। इंदर इकबाल अटवाल 2002 में विधायक रह चुके हैं। इंदर इकबाल अटवाल पूर्व स्पीकर और सीनियर नेता चरणजीत सिंह अटवाल के बेटे हैं। डॉ. सुखविंदर कुमार सुक्खी जो अकाली दल के मौजूदा विधायक हैं, जालंधर लोकसभा उपचुनाव में हो रहे कड़े मुकाबले में मैदान में उतरे हैं। बता दें कि सुक्खी बंगा से लगातार दूसरी बार विधायक हैं। अकाली दल से पहले यह बी.एस.पी. में थे।

 

 

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