दिल्ली, 5 जून (विश्ववार्ता) : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक, गर्भवती महिलाएं, 65 साल से ऊपर के लोग और ऐसे लोग जिन्हें पहले से गंभीर बीमारियां हों, उन्हें काम पर जाने से बचने की सलाह दी गई है। कहा गया है कि मैनेजमेंट ऐसे लोगों को वर्क फ्रॉम होम की सहूलियत दे।
गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि दफ्तरों में केवल मास्क में एंट्री दी जाए और दफ्तर के भीतर भी मास्क और फेस कवर पहने रहना जरूरी है।
दफ्तरों के लिए गाइडलाइन
. दफ्तरों के एंट्री गेट पर सैनिटाइजर डिस्पेंसर का होना जरूरी है। यहीं पर थर्मल स्क्रीनिंग भी की जाए।
. केवल उन्हीं लोगों को दफ्तर में आने की अनुमति दी जाए, जिनमें कोरोनावायरस के लक्षण न दिखाई दें।
. कंटेनमेंट जोन में रहने वाले स्टाफ को अपने सुपरवाइजर को इस बात की जानकारी देनी होगी। उसे तब तक दफ्तर आने की इजाजत ना दी जाए जब तक कंटेनमेंट जोन को डिनोटिफाई न कर दिया जाए।
. ड्राइवरों को सोशल डिस्टेंसिंग और कोरोना के संबंध में जारी नियमों का पालन करना होगा। दफ्तर के अधिकारी, ट्रांसपोर्ट सेवा देने वाले यह निश्चित करेंगे कि कंटेनमेंट जोन में रहने वाले ड्राइवर गाड़ियां न चलाएं।
. गाड़ी के भीतर, उसके दरवाजों, स्टीयरिंग, चाबियों का पूरी तरह से डिसइन्फेक्ट होना जरूरी है। इसका ध्यान रखा जाए।
. गर्भवती महिलाएं, उम्रदराज कर्मचारी, पहले से बीमारियों का सामना कर रहे कर्मचारी अतिरिक्त ध्यान रखें। इन्हें ऐसा काम न दिया जाए, जिसमें लोगों से सीधा संपर्क होता हो। दफ्तरों का मैनेजमेंट अगर संभव हो तो ऐसे लोगों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे।
दफ्तरों में केवल उन्हीं लोगों को आने की इजाजत दी जाए, जिन्होंने फेस मास्क पहना हो। दफ्तर के भीतर भी पूरे समय फेस मास्क पहनना जरूरी है।
दफ्तर में विजिटर्स की आम एंट्री, टेम्परेरी पास कैंसिल किए जाएं। केवल अधिकृत मंजूरी के साथ और किस अफसर से मिलना है इस जानकारी के बाद विजिटर को आने की इजाजत दी जाए। उसकी पूरी स्क्रीनिंग की जाए।
बैठकों को जहां तक संभव हो सके, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही किया जाए।
. दफ्तरों में कोरोनावायरस संक्रमण से बचाव के पोस्टर, होर्डिंग जगह-जगह पर लगाए जाएं।
. जहां तक संभव हो काम करने का वक्त, लंच और कॉफी ब्रेक के वक्त में सही तरह से बंटवारा किया जाए।
. दफ्तर के परिसर, पार्किंग एरिया में भीड़ न जुटने दी जाए, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा पालन किया जाए।
. पार्किंग में अगर वैलेट पार्किंग मौजूद हो तो उसका इस्तेमाल किया जाए। मास्क और फेस कवर पहने स्टाफ को पार्किंग करने दी जाए। कार के सैनिटाइजेशन का भी ध्यान रखा जाए।
. दफ्तर के भीतर और बाहर कॉफी-चाय या किसी भी तरह की दुकानों पर हर वक्त सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का ध्यान रखा जाए।
. दफ्तरों के परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए मार्किंग की जाए ताकि कतार लगते वक्त लोग करीब न हों।
16. अफसरों, वर्करों और विजिटर्स के लिए आने और जाने का अलग-अलग रास्ता होना चाहिए।
दफ्तरों की सफाई, खासतौर से उस सतह की सफाई जहां लोग ज्यादा छूते हैं, बेहद जरूरी है। इसे लगातार किया जाए।
. वॉशरूम में साबुन, सैनिटाइजर और ताजे पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जाए।
दफ्तरों में सामान, दस्तावेजों को उठाते और रखते वक्त ऐहतियाती कदमों का पूरा ध्यान रखा जाए।
. दफ्तरों का सिटिंग अरेंजमेंट इस तरह से किया जाए जिससे सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे।
लिफ्ट में लोगों की संख्या निश्चित की जाए, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन हो सके।
. एयर कंडीशनर का तापमान 24 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए, क्रॉस वेंटिलेशन का होना जरूरी है ताकि लोगों को ताजी हवा मिलती रहे। ह्यूमिडिटी का लेवल 40 से 70% के बीच होना चाहिए।
. दफ्तरों में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने पर पाबंदी रहेगी।
. पीने और हाथ धोने के पानी की जगह, परिसर आदि की पूरी सफाई का लगातार ध्यान रखा जाए।
. कर्मचारियों, विजिटर्स द्वारा छोड़े गए फेस मास्क, फेस कवर, ग्लव्स का ठीक तरह से डिस्पोजल किया जाए।
. कैफेटेरिया और कैंटीन में लाइन लगाई जाए, इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए। वेटर और वर्कर फेस मास्क और कवर लगाकर ही काम करेंगे। ग्लव्स पहनेंगे और नियमों का ध्यान रखेंगे। लोगों के बीच एक मीटर की दूरी रहे। किचन का स्टाफ भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करे।