पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा पीएसपीसी से मिलीभगत कर डी-फार्मेसी की डिग्रियां जारी करने के आरोप में 4 और को दबोचा
चंडीगढ, 16 जनवरी (विश्ववार्ता) पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा आज पंजाब स्टेट फार्मेसी कौंसिल (पी.एस.पी.सी.) के रजिस्ट्रारों और अधिकारियों की मिलीभुगत के साथ घपलेबाज़ी करके अयोग्य उम्मीदवारों को दाखि़ला देने और डी-फार्मेसी की डिग्रियाँ जारी करने के दोष अधीन चार और मुलजिमों को गिरफ़्तार किया गया है। इस सम्बन्धी विजीलैंस ब्यूरो द्वारा पहले ही दाखि़ले, रजिस्ट्रेशन में अनियमितताएं करने और प्राईवेट कॉलेजों में पढ़ रहे अयोग्य विद्यार्थियों को डी-फार्मेसी के लाइसेंस जारी करने के दोष अधीन पी.एस.पी.सी. के पूर्व रजिस्ट्रारों और अधिकारियों के विरुद्ध एफ.आई.आर. नम्बर 17 तारीख़ 8.12.2023 को आई.पी.सी. की धारा 420, 465, 466, 468, 120-बी के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो के थाना लुधियाना में आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। विजीलैंस ब्यूरो ने पहले ही एडमिशन, रजिस्ट्रेशन में अनियमितताएं करने और प्राइवेट कालेजों में पढ़ रहे अयोग्य विद्यार्थियों को डी-फार्मेसी के लाइसैंस जारी करने के दोष में पीएसपीसी के पूर्व रजिस्ट्रारों और अधिकारियों के विरुद्ध केस दर्ज किया है।
विजीलैंस ब्यूरो अधिकारी ने बताया कि इस मामले में आदेश इंस्टीच्यूट ऑफ मैडीकल साइंस एंड रिसर्च बठिंडा के मालिक गुरप्रीत सिंह गिल, प्रिंसीपल सरबजीत सिंह बराड़, साल 2013 में बरनाला जिले के लाला लाजपत राय कालेज सहणा में बतौर प्रिंसिपल रहे आरएस रामाकोड़ी और 2011 में लाला लाजपत कालेज ऑफ फार्मेसी मोगा के प्रिंसीपल रहे बलजिंदर सिंह बाजवा को पकड़ा है। विजीलैंस द्वारा पीएसपीसी के पूर्व रजिस्ट्रार मुलजिम प्रवीन कुमार भारद्वाज और डा. तेजवीर सिंह, सुपरिंटैंडैंट अशोक कुमार को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा इस मामले में 9 फार्मासिस्टों को भी नामजद करके गिरफ्तार किया गया है।