इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ वीडियों कांफ्रेंस की तथा कहा कि 222 मसलों में से 98 मसलों का समाधान हो गया है
चंडीगढ़/30मार्चः केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने आज उद्योगों के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया है कि वर्तमान लॉकडाउन के कारण फूड प्रोसेसिंग तथा सहायक उद्योगों को आ रही कठिनाइयों के समाधान के लिए एक टास्क फोर्स बना दी गई है।
बड़े औद्योगिक संगठनों जैसे कि सीआईआई, एफआईसीसीआई, एसोचैम, पीएचडीसीसीआई, एआईएफपीए, आईसीसी, फाईनर तथा डीआईसीसीआई से एक वीडियों कांफ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस टास्क फोर्स में फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय के सभी वरिष्ठ अधिकारियों तथा निवेश भारत के सदस्यों को शामिल किया गया है। उन्होने कहा कि इस टीम के पास अब तक आए 222 मसलों में से 98 का समाधान कर दिया गया है तथा बाकी विचाराधीन हैं।
इस वीडियों कांफ्रेंस के दौरान इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों ने बताया कि बेशक आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन तथा ढुआई की अनुमति देने के लए राज्य सरकारों को सख्त निर्देश जारी किए जा चुके हैं, पर राज्य सरकारों द्वारा उन्हे विभिन्न रास्तों पर रोका जा रहा है। उन्होने खाद्य वस्तुओं के उत्पादन तथा ढुआई संबधी सभी राज्यों के लिए एक संयुक्त सिस्टम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होने यह भी कहा कि उन्होने कारखाने बंद करने, गोदाम चलाने की अनुमति, एक जगह से दूसरी जगह पर जाने तथा उद्योगों की मैनेजमेंट संबधी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इंडस्ट्री प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि उत्पादन को चालू रखने के लिए माल ढ़ोने वाले वाहनों की भी कमी है। उन्होने यह भी आग्रह किया कि देश भर में करियाना स्टोरों को खोलने की अनुमति दी जाए ताकि खाद्य वस्तुओं की श्रंखला आगे चलती रहे।
श्रीमती बादल ने कहा कि यह सुझाव आगे रखेंगे कि फूड इंडस्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को बाकी कर्मचारियों की तरह माना जाए तथा उनका 50 लाख रूपए का बीमा किया जाए। उन्होने कहा कि फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए खाद्य वस्तुओं की निर्विध्न सप्लाई तथा कच्चे माल की आपूर्ति को सुनिश्चित बनाने के लिए परिवहन यूनियनों से बातचीत शुरू की जाएगी। उन्होने इंडस्ट्री प्रतिनिधियों को आश्वासन दिलाया कि उनके द्वारा दिए सभी सुझावों तथा शिकायतों का वह पांच दिनों में मुल्यांकन करेंगे।
नेस्ले के सीएमडी सुरेश नारायण ने कहा कि उनकी कंपनी ने लॉकडाउन के दौरान 1.10 लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग करके मोगा जिले के पशु पालकों की सहायता की है तथा दूध की एक बूंद भी खराब नही होने दी।