केंद्र सरकार द्वारा नये कानून में सजा-जुर्माने का जगह-जगह विरोध, कई शहरों में सूखे पैट्रोल पम्प
पेट्रोल- डीजल व गैंस सिंलेडर खत्म होने के डर से पेट्रेाल पंपों पर मची भीड
तेल की खपत में हुई अधिक वृद्धि
चंडीगढ़, 2 जनवरी (विश्ववार्ता) सडक़ों पर दौड़ रहे वाहनों से किसी की दुर्घटना या मौत हो जाने पर केंद्र सरकार के द्वारा एक नया कानून लाया गया है। जिसके तहत 10 लाख रुपए का जुर्माना और जेल की सजा का प्रावधान किया गया है। जिसको लेकर ट्रक चालको ने चक्का जाम कर दिया है। पंजाब में ट्रक यूनियनों की हड़ताल के कारण चीजों की आपूर्ति प्रभावित होने लगी है और पेट्रोल-डीजल की कमी बढऩे लगी है। ट्रक ड्राइवरों ने ‘हिट एंड रन’ मामलों से संबंधित नए कानून के विरोध में आवाजाई ठप्प कर दी है। इसे देखते हुए तेल खत्म होने के डर से पेट्रोल पंपों पर गाडिय़ों की लंबी कतारें देखने को मिल रही है। लोग वाहनों की टंकियां फुल करवाने के लिए लाइनों में लगे दिखाई दे रहे है। पंप मालिकों ने भी लोगों से अपील की है कि वह वाहनों का कम इस्तेमाल करें। राज्य के कई पेट्रोल पंप ड्राई होने के किनारे पहुंच चुके है पर आने वाले दिनों में होने वाली दिक्कत से बचने के लिए लोगों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। पेट्रोल पंप संचालकों का कहना था कि रुटीन के मुकाबले हर व्यक्ति अधिक तेल डलवा रहा है, जिस कारण खपत में अधिक वृद्धि हुई है।
ऐसे में तेल की सप्लाई नहीं मिलने के कारण पंजाब भर में वाहनों का चक्का जाम हो सकता है। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा देश भर में बस व ट्रक के कारण होने वाली सडक़ दुर्घटना के दौरान किसी व्यक्ति की होने वाली मौत में आरोपी ड्राइवर को 10 वर्ष की सजा व 7 लाख रुपए तक का जुर्माना करने संबंधी कानून पारित किया गया है। जिसके विरोध में ड्राइवर भाईचारे द्वारा पंजाब में संगरूर, जालंधर, बठिंडा आदि तेल रिफाइनरियों के आगे धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। अब ऐसे में तेल डिपुओ से पेट्रोल एवं डीजल की गाडिय़ों की एंट्री व निकासी लगभग बंद हो चुकी है, जिसका असर राज्य भर के पेट्रोल पंपों पर दिखाना शुरू हो चुका है। माना जा रहा है कि पंजाब भर की विभिन्न ड्राइवरो एसोसियेशनो द्वारा अनिश्चितकालीन समय के लिए धरना प्रदर्शन शुरू किया गया है जिसमें वह केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए कानून में शोध करने की मांग पर अड़े हुए हैं।
जानें क्या है पूरा मामला
भारत सरकार ने हाल ही में कानून में कई बड़े बदलाव करते हुए ब्रिटिश भारतीय दंड संहिता को भारतीय दंड संहिता में बदल दिया है। इनमें से एक प्रमुख बदलाव सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों से संबंधित है। देश में सडक़ हादसों से होने वाली मौतों की संख्या 5 लाख के पार पहुंच गई है। इसलिए अब ‘हिट एंड रन’ मामलों में सजा का प्रावधान 2 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। इसके विरोध में देशभर के ट्रांसपोर्ट संगठन हड़ताल पर चले गए हैं। स्पोट्र्स एसोसिएशन ने देश में ट्रक, टेम्पो को पूरी तरह से बंद कर दिया है और सडक़ों पर निजी वाहनों को रोका जा रहा है और उनके साथ दुव्र्यवहार किया जा रहा है। ट्रांसपोर्ट संगठनों का कहना है कि इस कानून के बाद देश में कोई भी व्यक्ति ट्रांसपोर्ट में ड्राइवर की नौकरी नहीं करेगा और अगर कोहरे या अन्य कारणों से कोई दुर्घटना होती है तो ड्राइवर को भारी सजा भुगतनी पड़ेगी।ट्रांसपोर्ट के इस चक्के जाम का सीधा असर देशभर के कारोबार पर पड़ रहा है। पंजाब भर में 134 ट्रांसपोर्ट यूनियन हैं, जो 70,000 से अधिक ट्रक और टेम्पो का संचालन करते हैं।