पुरे विश्व में तीसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक बना भारत
एक साल में की 7111 करोड़ रुपये की कमाई
चंडीगढ़, 28 मार्च (विश्व वार्ता)भारत की चाय उद्योग, जो वर्षों से विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही थी, के लिए 2024 में खुशखबरी आई है। भारतीय चाय बोर्ड द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के अनुसार, भारत 2024 में वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा चाय निर्यातक बन गया है। इसने श्रीलंका को पीछे छोड़ दिया है, जबकि केन्या ने शीर्ष स्थान बरकरार रखा है।
भारत ने 2024 में 254 मिलियन किलोग्राम (Mkg) चाय का निर्यात किया, जो 2023 के 231 Mkg की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। श्रीलंका का चाय निर्यात 2023 के समान स्तर पर बना रहा, जिससे भारत को दूसरा स्थान हासिल करने का अवसर मिला।
केन्या 2024 में भी शीर्ष पर रहा, जिसने 500 Mkg से अधिक चाय का निर्यात किया। 2024 में भारत का चाय निर्यात उसके इतिहास में दूसरा सबसे अधिक था, पहले स्थान पर 2018 का 256 Mkg निर्यात रहा था। भारतीय चाय उद्योग का लक्ष्य 2030 तक 300 Mkg का निर्यात हासिल करना है।
चाय निर्यात से आर्थिक लाभ
2024 में चाय निर्यात से ₹7,112 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जो उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़ावा है। पिछले कुछ वर्षों में भारत का चाय निर्यात आमतौर पर 200-225 Mkg के बीच रहा, लेकिन 2018 और 2024 अपवाद रहे।
भारत के चाय निर्यात में वृद्धि के प्रमुख कारण सरकारी नीतियां और उद्योग को समर्थन केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लागू अनुकूल निर्यात नीतियां इस वृद्धि का प्रमुख कारण रही हैं। विशेष रूप से ऑर्थोडॉक्स चाय उत्पादन को बढ़ावा देने वाली योजनाओं ने निर्यात में वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव प्रबीर कुमार भट्टाचार्य के अनुसार, अगर सरकार का समर्थन जारी रहा, तो भारतीय चाय उद्योग वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी और बढ़ा सकता है।
ऑर्थोडॉक्स चाय का वर्चस्व
भारत के चाय निर्यात में अधिकांश वृद्धि ऑर्थोडॉक्स चाय की लोकप्रियता के कारण हुई है। इस श्रेणी की चाय अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अधिक पसंद की जा रही है, जिससे इसकी मांग और निर्यात में इज़ाफ़ा हुआ है। सरकार द्वारा दी जा रही प्रोत्साहन योजनाओं ने भारत को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाए रखा है। भारत का चाय उत्पादन और भविष्य की संभावनाएं
भारत हर साल लगभग 1,400 Mkg चाय का उत्पादन करता है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा घरेलू बाजार में खपत होता है।
हालिया निर्यात वृद्धि से उद्योग को मजबूती मिली है, जिससे आने वाले वर्षों में नए निर्यात रिकॉर्ड बनने की उम्मीद है। भारतीय चाय बोर्ड और अन्य उद्योग हितधारक अब नए बाजारों में विस्तार करने और निर्यात की गुणवत्ता सुधारने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।