🌹 🌹 विश्ववार्ता के संस्थापक और पूरी टीम की तरफ से आपसभी को दिवाली और बंदी छोड़ दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं, परमात्मा के आगे अरदास है कि यह त्यौहार आप सभी के लिए ढेर सारी खुशियां और तंदुरस्ती लैके आये । 🌹 🌹
चंडीगढ़, 31 अक्टूबर (विश्ववार्ता)
प्रेम और खुशियों का त्योहार दिवाली हम सदियों से पूरी श्रद्धा और धार्मिक उत्साह के साथ मनाते आ रहे हैं। दिवाली की रोशनी न केवल हर घर को रोशन करती है, बल्कि अंधेरे पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और निराशा पर आशा की जीत का भी प्रतीक है। बंदी छोड़ दिवस अस्सू माह में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण सिख त्योहार है। यह त्यौहार मुख्य रूप से सिख इतिहास से उस समय से जुड़ा हुआ है जब मीरी पीरी के मालिक श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी को 52 राजाओं के साथ ग्वालियर के किले से रिहा किया गया था। छठे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब जी द्वारा वर्ष 1612 में दिवाली के अवसर पर ग्वालियर के किले से 52 हिंदू राजाओं की रिहाई के दिन को सिख इतिहास में ‘बंदी छोड़ दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।