Breaking,news,उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के बीच चुनाव आयोग का बडा एक्शन
कुल इतने पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड
चंडीगढ़, 20 नवंबर (विश्ववार्ता) उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं। इस बीच भारतीय चुनाव आयोग ने गाइडलाइन का पालन न करने के चलते यूपी में 3 जगहों पर 7 पुलिसवाले सस्पेंड कर दिए हैं। मुरादाबाद में 3, मुजफ्फरनगर में 2 और कानपुर में 2 पुलिसवालों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। चुनाव आयोग के इस बड़े एक्शन से हडक़ंप मच गया है।
दरअसल, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उपचुनाव की वोटिंग के दौरान पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों और कर्मियों द्वारा गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाया था। अखिलेश यादव का कहना था कि, वोटिंग को प्रभावित करने के लिए वोटरों को रोका जा रहा है और उनसे उनकी वोटर आईडी मांगी जा रही है. इस तरह रोककर और चेकिंग कर वोटरों को परेशान करने की कोशिश की जा रही है और उन्हें वोट डालने से रोका जा रहा है। उन्हें घर लौटाया जा रहा है।
चुनाव आयोग की सख्त मनाही के बावजूद भी उत्तर प्रदेश के कानपुर के सीसामऊ व मुरादाबाद और मुजफ्फरनगर में वोटरों को रोकर वोटर आईडी चेक करने के मामले में 7 पुलिसवालों को सस्पेंड होना पड़ा। अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी ने पुलिस द्वारा पोलिंग बूथों पर फर्जी वोटिंग भी करवाए जाने का आरोप लगाया है। अखिलेश यादव ने उपचुनाव वोटिंग में पुलिस-प्रशासन की धांधली अपने कार्यकर्ताओं से पोलिंग बूथ पर डटे रहने और गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों की फोटोज और वीडियो बनाने की अपील की है।
इधर चुनाव आयोग की ओर से आदेश जारी किया गया है कि पोलिंग बूथ पर वोटर्स की वोटर आईडी चेक करने का अधिकार केवल आयोग की ओर से नियुक्त चुनाव टीम यानी मतदान पार्टी का है। चुनाव प्रक्रिया में ड्यूटी करने वाले अधिकारियों के अलावा और कोई वोटेर्स से उनकी आईडी चेक करने को नहीं कहेगा। पुलिस अधिकारियों या जवानों को भी यह अधिकार नहीं है।
चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि पुलिस किसी भी तरह से मतदाताओं की जांच नहीं करेगी। पुलिस को केवल सुरक्षा और कानून व्यवस्था का ध्यान रखने को कहा गया है। चुनाव आयोग ने पुलिसकर्मियों को आईडी की जांच न करने का आदेश दिया। वोटर्स को रोकने और आईडी चेक करने के आरोप के चलते सस्पेंड होने वाले पुलिसवालों से पूछताक्ष की जाएगी।