UPSC से भर्ती मामले में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
चंडीगढ, 19 अगस्त (विश्ववार्ता) UPSC से सीधी भर्ती मामले में राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सुधार आयोग दलित, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया कि भाजपा का रामराज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास है।रविवार को भी राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट कर हमला बोला था। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जरिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। यह यूपीएससी की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है।’
वहीं इस मामले में पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि सीधी भर्ती को लेकर पहला प्रयास यूपीए सरकार ने किया था। प्रशासनिक सुधा आयोग को 2005 में यूपीए सरकार में ही विकसित किया गया था। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने प्रशासनिक सुधार आयोग की अध्यक्षता की थी। आयोग को भारतीय प्रशासनिक प्रणाली को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और नागरिक अनुकूल बनाने के लिए सुधारों की सिफारिश करने का काम सौंपा गया था।
इसकी एक प्रमुख सिफारिश यह थी कि उच्च सरकारी पदों पर लेटरल एंट्री शुरू की जाए, जिसके लिए विशेष ज्ञान और कौशल की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि एनडीए ने इस सिफारिश को लागू किया है। इसके तहत यूपीएससी से पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती की जाएगी और शासन में सुधार होगा।