Punjab Government द्वारा Transport Minister Laljit Singh Bhullar की उपस्थिति में सरकारी बसों को डीजल आपूर्ति के लिए आई.ओ.सी. के साथ किया समझौता
इस समझौते से पांच वर्षों की अवधि में लगभग 90 करोड़ रुपये की होगी बचत
यात्रियों के लिए सुरक्षित, निर्विघ्न और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए वचनबद्ध है राज्य सरकार: लालजीत सिंह भुल्लर
चंडीगढ़, 14 मार्च (विश्व वार्ता) वित्तीय सूझबूझ और संसाधनों के उचित प्रबंधन की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, पंजाब सरकार ने पंजाब रोडवेज/पनबस की बसों के लिए डीजल आपूर्ति हेतु इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आई.ओ.सी.) के साथ एक समझौता किया है। यह समझौता परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद पंजाब भवन में पत्रकारों को जानकारी देते हुए स लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि इस समझौते से पांच वर्षों की अवधि में सरकारी खजाने को लगभग 90 करोड़ रुपये की बचत होगी।
इस समझौते पर परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर की उपस्थिति में पंजाब सरकार की ओर से राज्य परिवहन निदेशक-कम-एम.डी. पनबस राजीव कुमार गुप्ता और आई.ओ.सी. की ओर से कार्यकारी निदेशक एवं राज्य प्रमुख आशुतोष गुप्ता द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
स भुल्लर ने बताया कि इस समझौते के तहत आई.ओ.सी. ने 2,550 रुपये प्रति किलोलीटर की छूट की पेशकश की है, जो कि 2019 में हुए पिछले समझौते की तुलना में 570 रुपये प्रति किलोलीटर अधिक है, जब 1,980 रुपये प्रति किलोलीटर की छूट दी गई थी।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि आई.ओ.सी. द्वारा दी गई इस छूट से पंजाब रोडवेज को प्रतिवर्ष लगभग 9 करोड़ रुपये की बचत होगी। इसके अतिरिक्त, पी.आर.टी.सी. भी आई.ओ.सी.एल. के साथ इसी प्रकार का समझौता करेगा, जिससे प्रति वर्ष 9 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बचत होगी। इस प्रकार, वार्षिक कुल बचत 18 करोड़ रुपये और पांच वर्षों में कुल बचत लगभग 90 करोड़ रुपये होगी।
स लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार का यह निर्णय वित्तीय जिम्मेदारी और संसाधनों के कुशल उपयोग पर विशेष ध्यान देने को दर्शाता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हम जनता के धन की बचत करते हुए यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
परिवहन के अतिरिक्त मुख्य सचिव, श्री डी.के. तिवारी ने कहा कि यह समझौता व्यापक विचार-विमर्श और वार्ता का परिणाम है, जिससे अगले पांच वर्षों में सरकार को बड़ी राशि की बचत होगी।