सेहतनामा, TBसे डरना नही लडऩा है: केंद्र ने जारी की रिपोर्ट
जनवरी से अक्तूबर के बीच आते है TB के इतने लाख नये मामले
चंडीगढ़, 8 दिसंबर (विश्ववार्ता ) : केंद्र सरकार की ओर से एक बयान जारी कर कहा गया है कि इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच लगभग 21.69 लाख टय़ूबरकुलोसिस के मामले सामने आए हैं।भारत में ञ्जक्च के मामले हमेशा से ही एक चिंता का विषय रहे है, लेकिन हाल के वर्षों में इसमें सुधार देखने को मिला है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, ‘2020 में टीबी के मामले 18.05 लाख से बढक़र 2023 में 25.52 लाख हो गए।‘उन्होंने कहा, ‘जनवरी से अक्टूबर 2024 के बीच लगभग 21.69 लाख ञ्जक्च के मामले रिकॉर्ड किए गए हैं।‘
पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वावधान में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम ने भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं।
भारत का लक्ष्य 2030 के वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले 2025 तक टीबी को खत्म करना है। घातक संक्रामक रोग की घटना दर और इससे होने वाली मौतों में भी बड़ी गिरावट देखी गई है। पटेल ने कहा, ’भारत में ञ्जक्च की घटना दर 2015 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 237 से 2023 में प्रति 100,000 जनसंख्या पर 195 तक 17.7 प्रतिशत की गिरावट को दिखाती है। टीबी से होने वाली मौतें 2015 में प्रति एक लाख जनसंख्या पर 28 से 2023 में प्रति एक लाख जनसंख्या पर 22 तक 21.4 प्रतिशत कम हो गई है।’
इसके अलावा पटेल ने कहा कि हृञ्जश्वक्क के तहत किए गए प्रमुख प्रयासों और हस्तक्षेपों में राज्य और जिला विशिष्ट रणनीतिक योजनाओं के माध्यम से उच्च ञ्जक्च बोझ वाले क्षेत्रों में लक्षित हस्तक्षेप, ञ्जक्च रोगियों को मुफ्त दवाओं और निदान का प्रावधान, प्रमुख संवेदनशील आबादी में अभियानों के माध्यम से सक्रिय ञ्जक्च मामलों का पता लगाना शामिल है।
राज्य मंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर को ञ्जक्च जांच और उपचार सेवाओं के साथ एकीकृत किया है, ञ्जक्च मामलों की अधिसूचना और प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन के साथ निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया है, उप जिला स्तर तक मालिक्यूलर डायग्नास्टिक्स लेबोरेटरी का विस्तार किया है और ञ्जक्च रोगियों को पोषण संबंधी सहायता के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत कवरेज का विस्तार किया है।