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National News” भ्रामक विज्ञापनों को लेकर Supreme court सख्त
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी चेतावनी
मुख्य सचिवों को किया तलब
भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मुद्दा 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते समय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उठा था, जिसमें पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा कोविड टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया में प्रकाशित या प्रदर्शित किए जा रहे भ्रामक विज्ञापनों के पहलू को उजागर किया था, जो औषधि एवं जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 और संबंधित नियमों, औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के प्रविधानों के खिलाफ हैं।