विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी विशेष रुचि रखनी चाहिए : Dr. Ashish Sarin
होशियारपुर चंडीगढ़, 10 जनवरी (विश्ववार्ता) खेल जीवन का एक विशेष अंग है। खेल विद्यार्थी की शख्सियत के विकास के मुख्य स्रोतों में से एक स्रोत है। खेल विद्यार्थियों में अनेक गुण पैदा करती हैं। खेल विद्यार्थियों के जीवन का एक अभिन्न अंग होती हैं। इन बातों का प्रगटावा “हिज एक्सीलेंट और कोचिंग सेंटर” तथा सेंट कबीर पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल चग्गरां के एमडी डॉ आशीष शरीन ने हमारे पत्रकार से एक प्रेस वार्ता दौरान किया। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के लिए खेल भी जरूरी हैं इसलिए विद्यार्थियों को किसी न किसी खेल में जरूर हिस्सा लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्कूल कॉलेज में विद्या हासिल कर रहे विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी विशेष रुचि रखनी चाहिए क्योंकि खेल शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी विद्यार्थियों को मजबूत बनाती हैं। उन्होंने कहा कि खेल विद्यार्थियों के अंदर नैतिक गुण जैसे की सहनशीलता,अनुशासन, सदाचार जीतने की इच्छा ,आपसी प्रेम प्यार एक जुटता सब्र आदि गुण भरती हैं। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी किसी भी देश या कौम के कीमती गहने होते हैं। उन्होंने कहा कि जब वह अपनी खेल से दुनिया के किसी भी कोने में जीत के झंडे झूलाते हैं तो सारे देशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है । उन्होंने कहा कि अनुशासन में रहना खिलाड़ी की जिंदगी का हिस्सा बन जाता है जिसका लाभ उसको जिंदगी के हर मुकाम में मिलता है।