गुरपतवंत सिंह पन्नू की ‘सिख फॉर जस्टिस’ पर अगले 5 साल के लिए प्रतिबंध
चंडीगढ़, 5 जनवरी (विश्ववार्ता) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण ने केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा जारी एक अधिसूचना की पुष्टि की है, जिसमें खालिस्तानी समर्थक आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के नेतृत्व वाले ‘सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे)’ पर पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की अध्यक्षता वाली यूएपीए ट्रिब्यूनल ने फैसला सुनाया कि केंद्र द्वारा दिए गए साक्ष्यों से एसएफजे के बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे खालिस्तानी आतंकवादी समूहों के साथ संबंध स्थापित हुए हैं, साथ ही पंजाब में उग्रवाद को पुनर्जीवित करने के लिए पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के साथ इसका सहयोग भी स्थापित हुआ है।
इसमें कहा गया है कि साक्ष्यों से पता चला है कि एसएफजे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करके युवाओं की भर्ती और उन्हें कट्टरपंथी बनाने, हथियार और विस्फोटक हासिल करने के लिए तस्करी नेटवर्क के माध्यम से आतंकवाद को वित्तपोषित करने और प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री सहित राजनीतिक हस्तियों को मौत की धमकी देने में शामिल है।
9 जुलाई, 2024 को जारी एक अधिसूचना में, गृह मंत्रालय ने एसएफजे को एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित करने की अवधि को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया, जिसमें कहा गया कि पन्नू के नेतृत्व वाली एसएफजे की गतिविधियों में “देश की शांति, एकता और अखंडता को बाधित करने की क्षमता” है।
इसके बाद, यह निर्णय करने के लिए कि संगठन को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण थे या नहीं, यूएपीए न्यायाधिकरण को मामला भेजा गया।