सांसद राघव चड्ढा ने संसद में रखी शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को भारत रत्न देने की बड़ी मांग, कहा- दिया सम्मान तो बढ़ेगा भारत रत्न का गौरव
• सांसद राघव चड्ढा बोले- शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी को मानता हूं अपना आदर्श, भारत की आजादी के लिए की अपनी जवानी और जिंदगी कुर्बान
• शहीद भगत सिंह को भारत रत्न देकर उनके बलिदान का किया जाए सच्चा सम्मान
• राघव चड्ढा बोले- शहीद भगत सिंह को सम्मान देने से बढ़ेगा भारत रत्न का गौरव
चंडीगढ़, 6 दिसंबर (विश्ववार्ता) स्वतंत्रता संग्राम के नायक और क्रांति के प्रतीक शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को भारत रत्न देकर उनके बलिदान को राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान देने की मांग की गई है। बुधवार को आम आदमी पार्टी के युवा सांसद राघव चड्ढा ने संसद में भगत सिंह के बलिदान और योगदान को याद करते हुए सरकार से आग्रह किया कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।
राघव चड्ढा ने कहा, “भगत सिंह ने अपनी जवानी, अपने सपने, और अपनी पूरी जिंदगी इस देश की आजादी के लिए कुर्बान कर दी। उनकी शहादत को लगभग 93 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी हम उन्हें उनके हिस्से का सम्मान नहीं दे पाए हैं।”
भगत सिंह का योगदान अमूल्य
राघव चड्ढा ने भगत सिंह के बारे में बोलते हुए कहा, “शहीद-ए-आज़म भगत सिंह जी को मैं अपना आदर्श मानता हूं। वो भारत माता के सच्चे लाल थे। उनकी क्रांतिकारी सोच और अदम्य साहस ने न सिर्फ अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती दी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा दी। उनकी इंकलाबी बोलियों से अंग्रेज थर-थर कांपते थे।”
चड्ढा ने कहा कि भगत सिंह ने मात्र 23 साल की उम्र में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उनका जीवन और उनकी शहादत आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। “उनके हौसले के आगे ब्रिटिश साम्राज्य के ऊंचे-ऊंचे पहाड़ भी झुक गए थे।”
भारत रत्न का असली गौरव
राघव चड्ढा ने जोर देते हुए कहा, “यदि भगत सिंह को भारत रत्न दिया जाता है, तो यह उनके सम्मान के साथ-साथ इस पुरस्कार की गरिमा को भी बढ़ाएगा। ये सिर्फ एक सम्मान नहीं होगा, बल्कि उनके बलिदान को पहचान देने का एक सशक्त कदम होगा।”
प्रेरणादायक कविता से कही देश के दिल की बात:
“लिख रहा हूं मैं जिसका अंजाम, कल आगाज़ आयेगा
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लायेगा।
मैं रहूँ ना रहूँ, ये वादा है तुझसे मेरा
मेरे बाद वतन पे मिटने वालों का सैलाब आयेगा।”
युवाओं के लिए प्रेरणा
सांसद ने कहा कि भगत सिंह सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि भारत के युवाओं के लिए एक आदर्श भी हैं। उनके विचार और उनका जीवन हमें सिखाता है कि किस तरह से हमें अपने देश के लिए कार्य करना चाहिए। “आज के समय में, जब दुनिया इतनी तेजी से बदल रही है, भगत सिंह के विचार हमें सही राह दिखा सकते हैं।”
सरकार से की अपील
उन्होंने इंकलाब जिंदाबाद के नारे से अपनी बात को खत्म करते हुए कहा, “सरकार को यह कदम उठाने में देर नहीं करनी चाहिए। अगर ये कार्य होता है, तो भारतवर्ष की आने वाली पीढ़ियां इस महान सदन को दुआएं देंगी।”