Punjab News” उद्योगपतियों के लिए एकमुश्त निपटारा योजना: इस तारिख तक डिफॉल्टरों को दंड ब्याज में 100% छूट
– उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री ने योजना लागू करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का
किया आभार व्यक्त
इस तारिख तक जारी कर दिये जायेगे नोटिस
– आवेदकों की सुविधा के लिए पी.एस.आई.ई.सी. द्वारा विशेष हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे
चंडीगढ, 11 मार्च (विश्ववार्ता) पिछले हफ्ते कैबिनेट बैठक में पंजाब के उद्योगपतियों को बड़ी राहत देते हुए लंबित मामलों के निपटारे के लिए एकमुश्त निपटारा योजना (ओ.टी.एस.) शुरू करने पर उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का आभार व्यक्त किया।
सौंद ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने उद्योगपतियों की लंबे समय से चली आ रही प्रतीक्षा समाप्त करते हुए चार दशकों से अधिक समय से लंबित मामलों के समाधान के लिए ऐतिहासिक एकमुश्त निपटारा योजना (ओ.टी.एस.) को मंजूरी दी है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सरकार ने बकायेदारों को दंड ब्याज में 100% छूट देने के साथ-साथ मात्र 8% की सरल ब्याज दर पर बकाया भुगतान की अनुमति देकर वित्तीय राहत प्रदान की है। इस योजना की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 है, ताकि बकायेदारों को अपने भुगतान के लिए पर्याप्त समय मिल सके।
उद्योग मंत्री ने बताया कि यह योजना उन बकायेदार प्लॉट धारकों पर लागू होगी, जिनका मूल आवंटन 1 जनवरी 2020 या उससे पहले हुआ था। सौंद ने कहा कि इस योजना से पंजाब के लगभग 1,145 उद्योगपतियों को लाभ मिलेगा, जिससे वे अपने बकाये का निपटारा कर अपने व्यवसायों में पुनः निवेश कर सकेंगे। इन सभी उद्योगपतियों को 30 अप्रैल 2025 तक नोटिस जारी कर दिए जाएंगे, ताकि वे 31 दिसंबर तक भुगतान कर सकें।
उन्होंने आगे बताया कि पंजाब राज्य औद्योगिक निर्यात निगम (पी.एस.आई.ई.सी.) द्वारा विकसित औद्योगिक फोकल प्वाइंट्स में स्थित औद्योगिक प्लॉट, शेड, वाणिज्यिक प्लॉट और आवासीय प्लॉट भी इस योजना के दायरे में आएंगे। उन्होंने कहा कि जिन प्लॉट धारकों का आवंटन रद्द हो चुका था लेकिन जिनका कब्जा अभी तक पी.एस.आई.ई.सी. ने नहीं लिया था (जो आगे पुनः आवंटित नहीं किए गए थे), उन्हें अपने बकाये का भुगतान कर अपना व्यवसाय फिर से शुरू करने और उसे विकसित करने का अवसर मिलेगा। इस योजना से उद्योगों को बड़े वित्तीय बोझ और कानूनी अड़चनों से बाहर निकलने का मौका मिलेगा, जिससे वे अपने विस्तार और आधुनिकीकरण की संभावनाओं को तलाश सकेंगे।
सौंद ने कहा कि इस योजना से एकत्रित राजस्व को औद्योगिक बुनियादी ढांचे में पुनर्निवेश किया जाएगा, जिससे फोकल प्वाइंट्स की स्थिति में सुधार होगा और नए औद्योगिक पार्कों के विकास के माध्यम से पंजाब में औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि आवेदकों की सुविधा और पूरी प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए पी.एस.आई.ई.सी. द्वारा विशेष हेल्प डेस्क स्थापित किए जाएंगे, ताकि उद्योगपति आसानी से इस योजना का लाभ उठा सकें।
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