पंजाब सहित उत्तर भारत मे ठंड के प्रकोप को देखते हुए जारी की एडवाइजरी
बच्चों और बुजुर्गों के लिए बनी चिंता
चंडीगढ़, 29 दिसंबर (विश्ववार्ता)उत्तर भारत के कई राज्यो मे बारिश के बाद मौसम ने करवट ली और ठंड ने तेवर दिखाने शुरू कर दिये है। जिले में सुबह से हो रही बूंदाबांदी कारण ठंड का असर आगे से बढ़ गया है। ठंड बढऩे के साथ ही खांसी, जुकाम और बुखार के अलावा वायरस आदि की बीमारियों के फैलने का भी डर बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चाहे सर्दी के मौसम को लेकर लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा बच्चों और बुजुर्गों को इन दिनों में खास ख्याल रखने की हिदायत दी है। इसके साथ ही दिल के मरीजों को भी अपना ख्याल रखने की जरूरत है।
जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिनों से जिले में सूखी ठंड के कारण कई लोग बीमारियों से पीडि़त थे, लेकिन अब सुबह से मौसम में गिरावट के कारण खांसी, सर्दी, बुखार, फ्लू निमोनिया अवस्थमा व वायरस आदि बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इससे दो दिन पहले भारत सरकार के प्रदूषण कंट्रोल विभाग द्वारा जिले के ए.क्यू.आई. के आधारित ओरेंज जोन अलर्ट जारी किया गया था लेकिन अब बारिश शुरू होने के साथ ही मौसम में फैले प्रदूषण का स्तर भी काफी कम हो गया है। इन दिनों में ठंड बढऩे के कारण उक्त बीमारियों के अलावा हृदय रोगियों को भी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के मुताबिक बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बारिश के बाद बुजुर्गों और बच्चों दोनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है, क्योंकि ठंड के कारण वे बहुत जल्दी बीमार हो सकते हैं। ऐसे मौसम में सभी बुजुर्गों, खासकर मधुमेह, अस्थमा या हृदय रोग से पीडि़त लोगों को ठंड से बचना चाहिए और बिना काम के घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। छोटे बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर, सिर और पैरों को पूरी तरह से ढककर रखना चाहिए और खांसी, सर्दी, दस्त, उल्टी या बुखार होने पर तुरंत मैडीकल सहायता लेनी चाहिए।
बंद कमरे में अंगीठी न जलाएं, इससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है, जो जानलेवा साबित हो सकती है। सर्दियों में अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए और समय-समय पर गर्म तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा मौसम विभाग की चेतावनियों पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। ज्यादा धुंध, बारिश, कोहरा या ओले गिरने की स्थिति में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और स्थिति को गंभीरता से लेना चाहिए।