चुनाव आयोग ने panchayat election की नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए लिया बड़ा फैसला
नतीजों के बाद एफिडेविट गलत पाए जाने पर चुनाव होंगे रद्द
कुल इतने आईएएस व पीसीएस अफसर लगेंगे ऑब्जर्वर
चंडीगढ़, 28 सिंतबर (विश्ववार्ता) पंजाब मे पंचायत चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव की नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। पंजाब में पंचायत चुनाव को लेकर कल से नामांकन प्रक्रिया जारी है प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करने से पहले एरिया बीडीपीओ या संबंधित अथॉरिटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) या नो ड्यू सर्टिफिकेट (एनडीसी) लेना जरूरी होता है।
चौधरी ने बताया कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से कराने के लिए 23 आईएएस और पीसीएस अफसरों को ऑब्जर्वर नियुक्त किया जाएगा। सरपंच और हर वार्ड में खड़े हुए पंचों के मतदान के लिए ग्राउंड लेवल पर 96 हजार सरकारी कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
राज्य चुनाव आयुक्त राज कमल चौधरी ने बताया कि अगर किसी कारण से प्रत्याशी एनओसी नहीं ले पाता है तो वह सेल्फ एफिडेविट देकर भी नामांकन पत्र भर पाएगा। इससे उसका नामांकन रद्द नहीं किया जाएगा। ऐसा इसलिए किया है, क्योंकि अकसर पंचायत चुनाव में नामांकन के साथ एनओसी सर्टिफिकेट संलग्न न होने की वजह से नामांकन रद्द कर दिए जाते थे।
राज कमल चौधरी ने बताया कि प्रत्याशी को एफिडेविट में बताना होगा कि जिस ग्राम पंचायत के चुनाव में वह प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडऩे जा रहा है या प्रदेश की अन्य किसी पंचायत का उस पर कोई टैक्स या फीस के रूप में कोई धन राशि बकाया तो नहीं है। इसके अलावा यह घोषणा करनी होगी कि वह पंजाब स्टेट इलेक्शन कमीशन एक्ट-1994 के सेक्शन-11 के तहत पंचायत की किसी भी संपत्ति या जमीन पर काबिज या उस संपत्ति का लाभ नहीं उठा रहा है। दरअसल अभी तक प्रत्याशी को इसके लिए अपने बीडीपीओ या संबंधित अथॉरिटी से इन नियमों के तहत एनओसी लेना अनिवार्य था। एनओसी लेने की प्रक्रिया में कई बार देरी होने के कारण बिना नॉमिनेशन रद्द कर दिए जाते थे।
चौधरी ने बताया कि नामांकन दाखिल करते समय प्रत्याशी जो एफिडेविट देंगे, वह रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से संबंधित पंचायत और अथॉरिटी को वेरिफिकेशन के लिए भेजा जाएगा। अगर 24 घंटे के अंदर वेरिफिकेशन रिपोर्ट आ जाती है तो ठीक, नहीं तो एफिडेविट के आधार पर ही नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया जाएगा। अगर प्रत्याशी जीत जाता है और बाद में उसका एफिडेविट गलत पाया जाता है तो उस पंचायत का परिणाम रद्द कर दोबारा चुनाव कराए जाएंगे।