पराली जलाने से रोकने के लिए जिला प्रशासन ने कसी कमर
डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में जिला स्तरीय तालमेल एवं निगरान कमेटी का गठन
अपने खेतों में आग लगाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
तहसील स्तर पर सब डिविज़न निगरान कमेटी का भी गठन
डिप्टी कमिश्नर द्वारा किसानों को पर्यावरण संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभाने का किया आह्वान
चंडीगढ़, 18 सिंतबर (विश्ववार्ता) आगामी धान के सीजन के दौरान पराली जलाने की बजाय इसे खेतों में ही निपटाने के लिए कपूरथला जिला प्रशासन ने कमर कस ली है।नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार जिला स्तरीय तालमेल एवं निगरान कमेटी का गठन किया गया है, जिसके चेयरमैन डिप्टी कमिश्नर कपूरथला होंगे।
एस.एस.पी., एडीसी (विकास), पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के कार्यकारी इंजीनियर, जिला राजस्व अधिकारी सदस्य होंगे और मुख्य कृषि अधिकारी कमेटी के कनवीनर होंगे।
कमेटी की बैठक साप्ताहिक होगी, जिसमें पराली जलाने के दुष्परिणामों पर जागरूकता गतिविधियों तथा आग लगने की घटनाओं पर की गई कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी।
इसके अलावा, तहसील स्तर पर उपमंडलीय निगरान समिति के अध्यक्ष सब डिविज़न मैजिस्ट्रेट होंगे, डीएसपी और बीडीपीओ मैंबर होंगे तथा ब्लॉक कृषि अधिकारी कनवीनर होंगे। समिति की बैठक प्रतिदिन अथवा एक दिन बाद होगी।
डिप्टी कमिश्नर ने यह भी कहा कि टीमें सरकारी विभागों, निगमों के अधिकारियों और कर्मचारियों के बारे में जानकारी एकत्र करेंगी ताकि वे अपनी जमीनों में फसली अवशेष न जलाएं। उन्होंने कहा कि आग लगाने वाले सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बेहतर तालमेल और रिपोर्टिंग के लिए सभी मॉनिटरिंग का सभी काम पीपीसीबी और पीआरएससी द्वारा बनाये गये एटीआर ऐप के माध्यम से किए जाएंगे।
डिप्टी कमिश्नर अमित कुमार पांचाल ने कहा कि पराली जलाने से रोकने के लिए ग्रामीण स्तर पर पहले से ही जागरूकता अभियान चल रहा है।
उन्होंने किसान भाईयों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए कहा कि फसली अवशेष/पराली जलाने से न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है, बल्कि हमारी मिट्टी की उपजाऊ शक्ति भी कम होती है।
कैप्शन- पराली जलाने से रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते डिप्टी कमिश्नर अमित कुमार पांचाल।