Punjab यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ सीनेट के सदस्यों का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाना चाहिए- राणा गुरजीत सिंह
चंडीगढ़, 16 दिसंबर (विश्ववार्ता) कपूरथला से कांग्रेस विधायक और पंजाब विधानसभा के सदस्य राणा गुरजीत सिंह ने आज मांग की है कि पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ सीनेट के सदस्यों का चुनाव जल्द से जल्द कराया जाना चाहिए। राणा गुरजीत सिंह ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट गवर्निंग काउंसिल के रूप में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है इसमें शिक्षाविदों, शिक्षा के क्षेत्र में प्रशासकों, विश्वविद्यालय के स्नातकों और पंजाब विधानसभा के निर्वाचित प्रतिनिधियों सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले साल सीनेट का कार्यकाल 31 अक्टूबर को समाप्त हो गया था और छह माह पहले मार्च माह में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार जमीनी स्तर पर चुनाव की कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है।
91 सदस्यीय सीनेट में 35 सदस्य नामांकित होते हैं और बाकी निर्वाचित होते हैं। सीनेट विश्वविद्यालय का सर्वोच्च निकाय है, जो इसके मामलों, मुद्दों और संपत्ति की देखरेख करता है।
सभी शैक्षणिक और बजट संबंधी निर्णयों के लिए अंतिम अनुमोदन की आवश्यकता होती है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि यह पहली बार है कि चांसलर कार्यालय से कार्यक्रम को मंजूरी नहीं मिलने के कारण चुनाव में देरी हुई है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने कुछ दिन पहले संसद में कहा था कि पंजाब यूनिवर्सिटी एक स्वायत्त संस्थान है और 1947 के एक अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया है और सीनेट के लिए चुनाव विश्वविद्यालय द्वारा चांसलर की मंजूरी प्राप्त करने के बाद आयोजित किए जाते हैं, जिसे समझा जाता है लेकिन पंजाब के लोग और छात्र एवं पूर्व छात्र जानना चाहते हैं कि पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट के चुनाव कब हो रहे हैं । राणा गुरजीत सिंह ने देरी और मामले पर स्पष्टता की मांग की ।
पंजाब की संस्कृति, परंपरा, इतिहास और नैतिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले पंजाब विश्वविद्यालय को किसी भी तरह से केंद्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित नहीं किया जाना चाहिए।विधायक ने राज्य-संबद्ध उच्च शिक्षा के लिए प्रमुख शैक्षणिक संस्थान के चरित्र को बदलने के भारत सरकार के इरादों पर आशंका व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी का अतीत गौरवशाली और भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय 1882 में स्थापित सबसे पुराने भारतीय विश्वविद्यालयों में से एक है। विधायक ने कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय ने कई प्रतिष्ठित हस्तियों को जन्म दिया है जो वर्तमान में विभिन्न सार्वजनिक और निजी स्वामित्व वाले उद्यमों का नेतृत्व कर रहे हैं। और कई तो अफसर हैं और राजनीति में ऊंचे पदों पर हैं।विधायक ने अनिश्चितता खत्म करने की अपील जारी करते हुए कहा, हम विरोध कर रहे छात्रों को क्यों नुकसान पहुंचा रहे हैं क्योंकि देरी से अनिश्चितता की भावना पैदा होती है।