PUNJAB विधानसभा की प्रेस गैलरी कमेटी ने दिल्ली पुलिस द्वारा पंजाब के पत्रकारों की अवैध हिरासत की निंदा की
कमेटी के चेयरमैन ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और ऐसी शर्मनाक घटनाओं पर रोक लगाने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा
चंडीगढ़, 2 फरवरी (विश्व वार्ता): PUNJAB विधानसभा की प्रेस गैलरी कमेटी ने बीती कल नई दिल्ली में हुई शर्मनाक घटना का कड़ा संज्ञान लिया है, जहां दिल्ली विधानसभा चुनावों की कवरेज कर रहे पंजाब के पत्रकारों को दिल्ली पुलिस ने तुगलक रोड पुलिस थाने में अवैध रूप से 8 घंटे तक हिरासत में रखा।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लोकतांत्रिक नियमों पर धब्बा बताते हुए और चुनावों की कवरेज कर रहे पत्रकारों की सुरक्षा की मांग करते हुए, पंजाब विधानसभा की प्रेस गैलरी कमेटी के चेयरमैन अश्वनी चावला ने कहा कि कमेटी ने इस मामले में मुख्य चुनाव आयुक्त, नई दिल्ली के पास लिखित शिकायत दर्ज करवाई है।
चावला ने आगे कहा कि पंजाब के पत्रकारों को दिल्ली विधानसभा चुनावों की कवरेज के दौरान पता चला कि एक राजनीतिक संगठन के सदस्य मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए शराब और अन्य सामग्री वितरित कर रहे थे, जो आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। जब पत्रकारों ने अपनी पत्रकारिता जिम्मेदारी के तहत इस घटना को कवर करना शुरू किया, तो कुछ शरारती तत्वों ने आपत्ति जताई, जो कि पंजाब के पत्रकारों के साथ सरासर अन्याय है।
इंसाफ की उम्मीद में पंजाब के पत्रकारों ने दिल्ली पुलिस को सूचना दी, लेकिन दुर्भाग्यवश, दिल्ली पुलिस ने मौके पर पहुंचने के बजाय पंजाब के पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार किया और सभी नियमों को ताक पर रखते हुए उन्हें हिरासत में भी ले लिया। हिरासत में लिए गए पत्रकारों में पंजाब विधानसभा प्रेस गैलरी कमेटी का एक सदस्य भी शामिल था।
यह जानते हुए कि सभी पत्रकार अपनी पहचान पत्र के साथ थे, उनके साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार किया गया।
उन्हें 8 घंटे से अधिक समय तक पुलिस थाने में रखा गया और तब छोड़ा गया जब यह खबर मीडिया गलियारों में फैल गई।
इसलिए, मुख्य चुनाव आयुक्त से अनुरोध किया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ऐसी शर्मनाक घटनाएं दोबारा न हों। अश्वनी चावला ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
चावला ने यह भी कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है और मीडिया कर्मियों को उनकी वैध ड्यूटी निभाने से जबरन रोकना अनुचित और अन्यायपूर्ण है।
गौरतलब है कि चंडीगढ़ प्रेस क्लब ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।
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