Presents मुर्मु ने उत्कृष्ट नर्सिंग कर्मियों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार किए प्रदान
चंडीगढ़, 12 सिंतबर (विश्ववार्ता) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नर्सिंग कार्य में उल्लेखनीय सेवा के लिए 15 नर्सिंग पेशेवरों को वर्ष 2024 के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान किए।राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में आयोजिम समारोह में ये पुरस्कार दिये।
राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार की स्थापना स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने उत्कृष्ट नर्सिंग कर्मियों द्वारा प्रदान की गई सराहनीय सेवाओं को मान्यता देने और सम्मानित करने के लिए की थी।
पुरस्कार पाने वाले पेशेवरों में श्रीमती शीला मंडल , आइकेन लोलन, विद्जेयकुमारी वी, जनुका पांडे, अनिनंदता प्रमाणिक , बी अमूसाना देवी, मेजर जनरल आई डेलोस फ्लोरा , प्रेम रोज सूरी, तब्बसुम इरशाद हांडू , नागराजैया, शमशाद बेगम अतालदा , आशा डब्ल्यू बावने , मनकीमी, संयुक्ता सेठी और राधे लाल शर्मा शामिल हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने साेशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर फोटो साझा करते हुए कहा कि राष्ट्र के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए समर्पित नर्सिंग कर्मियों को राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार 2024 प्रदान करने के लिए धन्यवाद। यह सम्मान आपको सार्वजनिक सेवा में सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि नर्सिंग कर्मियों के अथक प्रयास अनगिनत लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमारी नर्सें वास्तव में हमारे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की रीढ़ हैं। आपके अमूल्य योगदान के लिए धन्यवाद।
आपको बता दें फ्लोरेंस नाइटिंगेल को व्यापक रूप से आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक माना जाता है। उनका जन्म 12 मई, 1820 को फ्लोरेंस, इटली में हुआ था नर्सिंग क्षेत्र में उनके योगदान के सम्मान में, उनके जन्मदिन यानी 12 मई को हर साल अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। क्रीमियन युद्ध (1853-1856) के दौरान उनके कार्य ने स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं में क्रांतिकारी बदलाव किया और महिलाओं के लिए एक सम्मानित पेशे के रूप में प्रशिक्षित नर्सिंग की नींव रखी। नाइटिंगेल ने सैन्य अस्पतालों में स्वच्छता और सफाई को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किए, जिससे घायल सैनिकों की मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई। उन्होंने स्वच्छता, उचित पोषण और दयालु देखभाल के महत्व पर जोर दिया, जिससे नर्सिंग अभ्यास के लिए नए मानक स्थापित हुए।