संत Premanand Maharaj के आश्रम से जारी हुआ अलर्ट, AI का शिकार हुए महाराज
आश्रम की ओर से जारी की गई यह एडवाइजरी
लोगों को किया गया सावधान, देखिए क्या है मामला ?
चंडीगढ़, 8 अप्रैल (विश्व वार्ता) आज इंटरनेट की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि AI से खतरा पैदा हो रहा है। AI के जरिए आज कुछ भी किया जा रहा है। किसी भी तरह के फर्जी काम के लिए शरारती तत्व इसके गलत इस्तेमाल से लोगों की जिंदगी से खेल रहे हैं। देखने में आ रहा है कि, लोग लगातार AI का शिकार हो रहे हैं। वहीं अब वृंदावन धाम के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज भी AI से नहीं बच पाये हैं। प्रेमानंद महाराज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का शिकार हुए हैं। दरअसल, शरारती तत्व AI के गलत इस्तेमाल से प्रेमानंद महाराज के वीडियो जारी कर रहे हैं। इन वीडियो में प्रेमानंद महाराज की आवाज में अपने मन-मुताबिक बोल बुलवाए जा रहे हैं। शरारती तत्व AI के माध्यम से प्रेमानंद महाराज की आवाज की नकल करके अपने प्रचार-प्रसार के वीडियो भी बना रहे है।
सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज के ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं। जिनमें वह कहीं किसी और भाषा में बोलते दिख रहे हैं तो कहीं कुछ और तरह से बोलते हुए। फिलहाल, अब इस संबंध में श्री हित राधा केलि कुंज परिकर की तरफ से आधिकारिक तौर पर एडवाइजरी जारी की गई है। आश्रम प्रबंधन ने ऐसा न करने की अपील की है, साथ ही लोगों से कहा गया है कि वह ऐसे किसी वीडियो का समर्थन न करें और न ही आगे शेयर करें।
जारी एडवाइजरी कहा गया है- ”आप सभी को सूचित व सावधान करना है कि वर्तमान में कई लोग पूज्य गुरुदेव श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज की वाणी व उपदेशों को Artificial Intelligence (AI) के माध्यम से अन्य भाषाओं में परिवर्तित करके या मनमाने ढंग से प्रस्तुत कर Social Media Platforms पर डाल रहे हैं, जो कि बिल्कुल ही मर्यादा व कानून के खिलाफ है। अतः आप सभी से प्रार्थना व निवेदन है कि पूज्य महाराज जी की वाणी की गरिमा उनकी मूलभूत भाषा शैली में ही बनी रहे इसलिए कोई भी AI का प्रयोग कर ऐसी Videos ना बनाएं, ना समर्थन करें, या ना ही कहीं Share करें।”
प्रेमानंद महाराज का आश्रम वैसे श्री हित राधा केलि कुंज है। जहां वह एक निर्धारित समय के लिए विराजमान रहते हैं। श्री हित राधा केलि कुंज में राधा कीर्तन, सत्संग और वार्तालाप में शामिल होकर प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन किए जा सकते हैं। लेकिन वहां दर्शन के लिए सबका नंबर नहीं आ पाता। इसलिए प्रेमानंद महाराज स्वास्थ्य समस्या के बावजूद रोज रात्रि 2 बजे अपने एक अन्य आश्रम से निकलकर परिकर्मा मार्ग पर पैदल चलते हैं। जिससे सार्वजनिक रूप से बड़ी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके दर्शन कर सकें।