NEET विवाद के बीच पेपर लीक को लेकर नया कानून लागू
10 साल की कैद, एक करोड़ तक जुर्माना
पढ़िए कितनी होगी सजा और कितना लगेगा जुर्माना
चंडीगढ, 22 जून (विश्ववार्ता) नीट परीक्षा और यूजीसी नेट 2024 परीक्षाओं के विवादों के बीच देश में ‘लोक परीक्षा कानून 2024’ या एंटी पेपर लीक कानून लागू हो गया है. ये कानून शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और नौकरियों में भर्ती के लिए होने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक होने के मामलों में शुक्रवार, 21 जून की आधी रात से लागू किया गया है। केंद्र सरकार ने आधी रात को इसको लेकर अधिसूचना जारी की. इस एंटी पेपर लीक कानून को ‘लोक परीक्षा कानून 2024’ नाम दिया गया है।
लगातार पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद 5 फरवरी, 2024 को केंद्र सरकार ने लोकसभा में एक विधेयक पेश किया था।इसे ‘सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024’ नाम दिया गया था।6 फरवरी को ये विधेयक लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पारित हुआ था।फरवरी में ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विधेयक को मंजूरी दी थी। हालांकि, अब तक इसे अधिसूचित नहीं किया गया था।
यूजीसी-नेट, 2024 के प्रश्न पत्र लीक को लेकर चल रहे विवाद के बीच यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अधिसूचना में कहा गया है, ”सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 (2024 का 1) की धारा एक की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार 21 जून, 2024 को उक्त अधिनियम के प्रविधानों को लागू करती है।”
एक दिन पहले ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से पूछा गया था कि यह कानून कब लागू होगा, तब उन्होंने कहा था कि कानून मंत्रालय नियम बना रहा है।
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक, 2024 को लोकसभा ने छह फरवरी और राज्यसभा ने नौ फरवरी को पारित किया था। राष्ट्रपति मुर्मु ने 12 फरवरी को इसे मंजूरी दी थी।
इस अधिनियम का उद्देश्य यूपीएससी, एसएससी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) आदि द्वारा आयोजित सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों का प्रयोग रोकना है। इसमें धोखाधड़ी रोकने के लिए न्यूनतम तीन से पांच वर्ष के कारावास का प्रविधान है, जबकि धोखाधड़ी के संगठित अपराध में शामिल लोगों पर पांच से 10 वर्ष की कैद एवं एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना होगा।