वरदान अस्पताल की लापरवाही, गलत इंजेक्शन व दवाई से हुई मूर्ति देवी की मौत, पोस्टमार्टम भी नहीं कराया, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन —- कैंथ
पीड़ितों ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से धारा 304 के तहत एफआईआर दर्ज करने तथा वरदान अस्पताल पातड़ां के डॉक्टरों व स्टाफ सदस्यों के साथ-साथ प्रबंधन को गिरफ्तार करने की मांग
पीड़ित परिवार ने पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह से वरदान अस्पताल पर लगे गंभीर आरोपों पर तत्काल व सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग — कैंथ
चंडीगढ़, 2 अप्रैल (विश्व वार्ता) निजी अस्पतालों में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला हमेशा सुर्खियों में रहता है। ऐसा ही एक मामला वरदान अस्पताल पातड़ां में सामने आया है जिसमें 65 वर्षीय श्रीमती मूर्ति देवी की गलत इंजेक्शन व दवाई के कारण मौत हो गई। नैंशनल शेड्यूल्ड कास्ट्स अलायंस के अध्यक्ष परमजीत सिंह कैंथ ने यहां पत्रकार वार्ता में इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी दी और उन्होंने कहा कि यह घटना अकेली नहीं है बल्कि वरदान अस्पताल के सामने पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं लेकिन आज तक इन सभी लोगों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा और न ही सिविल प्रशासन और न ही पुलिस प्रशासन ने इनके खिलाफ कोई कार्रवाई की। राजनीतिक दबाव के कारण ये लोग ऐसी गंभीर घटनाओं को दबा देते हैं जिसमें गरीब लोगों को न्याय नहीं मिल पाता और गरीब लोग भटक रहे हैं और कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
मामले को दबाने के प्रयास में वरदान अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ ने परिजनों पर पैसे देकर मृतक महिला को अस्पताल ले जाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। जब परिजनों ने और लोगों को बुलाना शुरू किया तो अस्पताल प्रबंधकों ने कहा कि महिला की किसी कारणवश मौत हो गई है। सरदार कैंथ ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों पर दबाव बनाया कि मामला यहीं खत्म कर दें और परिवार पर शहर के कुछ नेताओं द्वारा भी दबाव बनाया गया और हैरानी की बात तो यह है कि अस्पताल ने पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया। अलायंस के प्रधान सरदार कैंथ ने कहा कि अस्पताल प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन किया है और आदेशों में कहा गया है कि मरीज की मौत के बाद हर मामले में पोस्टमार्टम किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पीड़ित परिवार को जबरदस्ती और धमकियों के कारण शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार कर दिया गया।
वरिष्ठ नेता सरदार परमजीत सिंह कैंथ ने कहा कि यदि किसी मरीज की कथित चिकित्सकीय लापरवाही के कारण मौत हो जाती है, तो पीड़ित का रिश्तेदार पुलिस से कानून के अनुसार एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध कर सकता है, जो भारतीय दंड संहिता की धारा 304 या 304-ए (लापरवाही से मौत) के तहत दर्ज की जा सकती है। पीड़ित परिवार ने प्रशासन से धारा 304 के तहत तत्काल कानूनी कार्रवाई और गिरफ्तारी की मांग की और वरदान अस्पताल पातड़ां के डॉक्टरों और स्टाफ सदस्यों के साथ-साथ प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि गैर जिम्मेदाराना स्टाफ और कम अनुभवी डॉक्टरों वाले निजी अस्पतालों में डॉक्टरों की लापरवाही का मामला हमेशा सुर्खियों में रहता है।
सरदार कैंथ ने कहा कि पीड़ितों की मांग है कि पंजाब स्वास्थ्य विभाग वरदान अस्पताल का लाइसेंस और मान्यता तुरंत रद्द करे ताकि लोगों में डर और दहशत का माहौल खत्म हो सके। वरदान अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में भी शिकायत दर्ज कराई जाएगी। हमें उम्मीद है कि पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह वरदान अस्पताल पर लगे गंभीर आरोपों पर तुरंत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने और प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश जारी करेंगे। इस मौक़े पर परिवार के सदस्य प्रेम चंद,डिंपल कुमार अन्य लोगों को उपस्थित थे।