Mpox ने दी पड़ोसी देश में दस्तक,क्या भारत के लिए है खतरे की घंटी
दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारी से ऐसे बचें
एमपॉक्स क्या है ?, एमपॉक्स से खुद को कैसे बचाएं
चंडीगढ, 23 अगस्त (विश्ववार्ता)कोरोना के खौफ से उबरे भी नहीं थे कि एमपॉक्स ने दुनिया को डराना शुरू कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी भी जारी कर दी है। भारत के करीब पाकिस्तान में भी इसने दस्तक दे दी है। वायरस ने सबसे ज्यादा कहर डीआरसी और अफ्रीका में बरपाया है। स्वीडन में भी मरीज मिला है तो वहीं साउथ कोरिया में भी इस साल 9 अगस्त तक 10 मरीज डिटेक्ट हुए हैं।
जिस गति से ये बढ़ रहा है उसने लोगों को डरा दिया है। तरह-तरह के सवाल दिमाग में कौंधने लगे हैं। क्या होते हैं लक्षण और कौन सी सावधानियां बरती जा सकती हैं? इस बारे में आईएएनएस ने दिल्ली स्थित सीके बिड़ला अस्पताल (आर) के इंटरनल मेडिसिन डिर्पाटमेंट के लीड कंसल्टेंट डॉ नरेंद्र सिंघला से बात की।
डॉ. नरेंद्र सिंघला कहते हैं एमपॉक्स यानि मंकीपॉक्स एक दुर्लभ और संक्रामक बीमारी है, जो वायरस के कारण होती है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और त्वचा पर दाने या फुंसियां शामिल हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यह वायरस त्वचा या यौन संपर्क या श्वसन बूंदों द्वारा भी फैलता है।
इस प्रकोप ने मुख्य रूप से उन पुरुषों को प्रभावित किया है जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं। डॉ के मुताबिक कुछ सावधानियों से इससे बचा जा सकता है। सबसे पहले तो संक्रमण ग्रसित शख्स के संपर्क में आने से बचें। स्वच्छता का ध्यान रखें। हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
मास्क पहनें और फिजिकल डिस्टेंस बनाए रखें। संक्रमित व्यक्ति के उपयोग की गई सामग्रियों को सावधानी से साफ करें और यदि लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। डॉ. सिंघला के मुताबिक इसका उपचार संभव है। इलाज के तौर पर एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं। जरूरी ये है कि हम इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें और सावधानियां बरतें, ताकि इसको फैलने से रोका जा सके।
डब्ल्यूएचओ ने एमपॉक्स के लिए वर्तमान में दो टीकों को मंजूरी दी है। इसे संगठन के टीकाकरण विशेषज्ञों के रणनीतिक सलाहकार समूह द्वारा की गई है, और इन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सूचीबद्ध राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरणों के साथ-साथ नाइजीरिया और डीआरसी सहित अलग-अलग देशों द्वारा भी अनुमोदित किया गया है।
एमपॉक्स क्या है ?
डॉक्टर बताते हैं कि एमपॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था। यह मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के ट्रॉपिकल रेन फॉरेस्ट हिस्सों में पाई जाती है, लेकिन हाल ही में एशिया और यूरोप सहित दुनिया के कई हिस्सों में इसका प्रकोप सामने आया है। हालांकि, एमपॉक्स आमतौर पर चेचक की तुलना में कम गंभीर होता है, लेकिन इसका कारण बनने वाला वायरस इससे संबंधित होता है।
एमपॉक्स से खुद को कैसे बचाएं
एमपॉक्स से खुद को बचाने के लिए, कुछ प्रमुख उपायों को फॉलो करना जरूरी है। आइए जानते हैं इससे बचने का खतरा कुछ तरीके, जो निम्न हैं-
क्लोज कॉटेक्ट से बचें
किसी भी ऐसे व्यक्ति से दूरी बनाए रखें, जो बीमार है या वह घाव या चकत्ते सहित एमपॉक्स के लक्षण प्रदर्शित कर रहा है। साथ ही इनके साथ अपने कपड़े, गद्दे या तौलिए जैसी निजी चीजें शेयर न करें।
साफ-सफाई बनाए रखें
किसी भी तरह के वायरस से बचने के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी होती है। ऐसे में एमपॉक्स से बचने के लिए दूषित सतहों के संपर्क में आने के बाद, अपने हाथों को अक्सर साबुन और पानी से धोएं या अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
प्रोटेक्टिव गियर पहनें
वायरस को फैलने से रोकने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट और बीमार परिवार के सदस्यों की देखभाल करने वाले किसी भी व्यक्ति को मास्क और दस्ताने जैसे प्रोटेक्टिव गियर पहनना चाहिए।
यात्रा करते समय सावधानी बरतें
अगर आप किसी ऐसी जगह पर जा रहे हैं या वहां से होकर गुजर रहे हैं, जहां एमपॉक्स वायरस की सूचना मिली है, तो भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहकर वायरस को फैलने से रोकने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतें।
अपडेट रहें
किसी भी नई खोज या दिशानिर्देशों के बारे में अपडेट रहने के लिए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) और भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय आदि पर नई जानकारियों से अपडेट रहें।