बिहार में मौत कर रही तांडव करती जहरीली शराब
जहरीली शराब इतने लोगो की मौत
चंडीगढ़, 18 अक्टूबर ( विश्ववार्ता) बिहार में जहरीली शराब पीने से अलग-अलग जिले में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है. सीवान में 20 और छपरा में 6 लोगों ने दम तोड़ दिया. वहीं गोपालगंज में पिता-पुत्र की शराब पीने से हालत खराब हो गई है. आनन-फानन में परिजन उन्हे अस्पताल ले गए. जहरीली शराब की मौत को लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है।
डीआईजी ने कहा कि शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चल पाएगा। अभी तक मृतकों और उपचाराधीन लोगों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है। दोनों जिलों में हुई घटनाओं के सिलसिले में पुलिस ने अब तक करीब 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना के बाद दोनों जिलों के प्रशासन ने मगहर, औरिया और इब्राहिमपुर क्षेत्रों के तीन चौकीदारों को निलंबित कर दिया है। एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कम से कम पांच पुलिसर्किमयों को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीवान और सारण में संदिग्ध जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच की प्रगति के बारे में बृहस्पतिवार को जानकारी ली थी।
मुख्यमंत्री ने बिहार के पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अपराध में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध और उत्पाद शुल्क विभाग के सचिव विनोद सिंह गुंजियाल और बिहार पुलिस के एडीजी (मद्य निषेध) को व्यक्तिगत रूप से उन क्षेत्रों का दौरा करने और मामले की गहन जांच करने का भी निर्देश दिया, जहां यह घटना हुई थी। इस घटना को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य में हुई हालिया मौतों के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए। यह एक सामूहिक हत्या है। शराबबंदी नीतीश सरकार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है। शराबबंदी को प्रभावी ढंग से लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।