Lifestyle: गिलोय के औषधीय गुण एवं फायदे
रोजाना सेवन से ये बीमारियां रहेंगी कोसो दूर
चंडीगढ़, 21 फरवरी (विश्ववार्ता)हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की त्रिदोष शामक औषधि की खूब चर्चा हुई। इसे अमृत के समान माना जाता है। नाम गिलोय है। एक बहुउपयोगी औषधि जो कई रोगों के उपचार में सहायक होती है। यह शरीर के तीनों दोषों जैसे वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में सहायक होती है इसलिए त्रिदोष शामक औषधि के नाम से भी जाना जाता है।
क्या है गिलोय?
यह एक बेल होती है, जो जिस भी वृक्ष पर चढ़ती है, उसके कुछ गुण भी अपने अंदर समाहित कर लेती है। इसलिए नीम के पेड़ पर चढ़ी हुई गिलोय को सबसे उत्तम माना जाता है। गिलोय का तना रस्सी के समान दिखाई देता है और इसके पत्ते पान के आकार के होते हैं। इसके फूल पीले और हरे रंग के गुच्छों में लगते हैं, जबकि इसके फल मटर के दाने जैसे होते हैं। आधुनिक आयुर्वेद में इसे एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और रोगाणु नाशक औषधि के रूप में देखा जाता है।
आंखों के लिए फायदेमंद है गिलोय
गिलोय के उपयोग से आंखों की रोशनी में सुधार होता है। इसके रस को त्रिफला के साथ मिलाकर सेवन करने से आंखों की कमजोरी दूर होती है। इसके अलावा, कान की सफाई के लिए गिलोय के तने को पानी में घिसकर गुनगुना कर कान में डालने से मैल साफ हो जाता है। हिचकी की समस्या में इसका उपयोग सोंठ के साथ करने से लाभ मिलता है।
गिलोय के फायदे
– आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय पाचन में सहायक होने के साथ भूख बढ़ाने में मदद करती है।
– इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और यह आंखों के लिए भी लाभकारी होती है।
– गिलोय का नियमित सेवन करने से प्यास, जलन, डायबिटीज, कुष्ठ, पीलिया, बवासीर, टीबी और मूत्र रोग जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
– महिलाओं में होने वाली कमजोरी को दूर करने के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण औषधि है।
– इसके अलावा, एसिडिटी से राहत पाने के लिए गिलोय के रस में मिश्री मिलाकर पीने से उल्टी और पेट की जलन से छुटकारा मिलता है।
– कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए गिलोय रस के साथ गुड़ का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है।
– बवासीर की समस्या में भी गिलोय का विशेष महत्व है। हरड़, धनिया और गिलोय को पानी में उबालकर बने काढ़े को सेवन करने से बवासीर से राहत मिलती है।`