आ गया किसानो का रखवाला’किसान कवच’
किसानों को इन खतरो से बचाने वाला है किसान कवच’
आज देश मे केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह करेंगे लॉन्च
चंडीगढ़, 17 दिसंबर (विश्ववार्ता) आज किसानो के लिए बडा दिन है क्योकि आज देश मे सरकार पहले स्वदेशी किसान कवच को लॉन्च करेगी। आज नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह सूती कपड़े से बने इस कवच को लॉन्च करेंगे जिसे बनाने में एक ऐसे अणु का इस्तेमाल किया गया है जो संपर्क में आते ही कीटनाशकों को निष्क्रिय करने में सक्षम है
यह स्वदेशी बॉडीसूट है जिसे पहनकर खेती कार्य किए जा सकेंगे और किसी भी तरह के स्वास्थ्य नुकसान से किसानों और ग्रामीणों को बचाया जा सकेगा. इस बॉडीसूट में ऐसे कपड़े और तकनीक का इस्तेमाल किया गया है कि यह कीटनाशक को शरीर में घुसने से पहले ही नष्ट कर देता है. इसे धोकर बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है।
हर साल करीब 30 करोड़ किसान केमिकल युक्त कीटनाशकों और दवाओं के संपर्क में आकर त्वचा, सांस समेत अन्य तरह की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं. इन खतरों से किसानों को बचाने के लिए बेंगलुरू की कंपनी क्चक्रढ्ढष्ट ढ्ढठ्ठह्यह्लद्गद्व ने सेपियो हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से कीटनाशक रोधी बॉडीसूट किसान कवच विकसित किया है. कंपनी की ओर से जारी मीडिया स्टेटमेंट में कहा गया है कि यह बॉडीसूट किसानों को कीटनाशकों से होने वाले स्वास्थ खतरों से बचाने में मदद करेगा. इसे केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 17 सितंबर को लॉन्च करेंगे।
कंपनी की ओर से कहा गया है कि किसान कवच कीटनाशकों से होने वाले घातक खतरों से किसानों के स्वास्थ्य की रक्षा करने वाली अपनी श्रेणी की पहली तकनीक है. किसान कवच बॉडीसूट को कीटनाशक से होने वाले टॉक्सिक खतरे को रोकने के लिए एक कीटनाशक विरोधी सूट है. इस बॉडीसूट में ऐसे कपड़े और तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारकण कीटनाशक को शरीर में जाने से रोकता है और खतरनाक तत्वों को नष्ट कर देता है।
देश में बड़ी संख्या में लोग कृषि कार्य करते हैं. देश में लगभग 65 फीसदी लोग सीधे कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों में लगे हुए हैं. भारत और विकासशील देशों के किसान खेतों में छिडक़ाव करते समय त्वचा और नाक के रास्ते जहरीले कीटनाशकों के संपर्क में आते हैं. कीटनाशकों में न्यूरोटॉक्सिन होते हैं, जो ह्यूमन बॉडी को खतरनाक बीमारियों से ग्रसित कर देते हैं. इससे बुखार, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, सांस लेने में दिक्कत, कंपकंपी, देखने में दिक्कत जैसे खतरे देखने को मिलते हैं।