Kisan Andolan: खनौरी बॉर्डर पर आज किसान महापंचायत
मोर्चा में मनाई जाएगी गुरु रविदास की जयंती
13 फरवरी को होने वाले वार्षिक समागम के लिए शंभू मोर्चा में किसानों और मजदूरों का पहुंचना जारी
चंडीगढ़, 12 फरवरी (विश्ववार्ता):Kisan Andolan फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन 2.0 को एक साल पूरा होने वाला है। इस अवसर पर आज (12 फरवरी) खनौरी बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत होने जा रही है। इसमें 26 नवंबर से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल जनता के नाम संदेश देंगे।
13 फरवरी 2024 से चल रहे आंदोलन में किसान मजदूर संगठनों द्वारा आयोजित वार्षिक समागम कार्यक्रम में किसानों व मजदूरों की पूर्ण भागीदारी के लिए पंजाब व हरियाणा से लोगों का पहुंचना जारी है, यह जानकारी किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मीडिया से बातचीत करते हुए साझा की।
उन्होंने बताया कि किसान मजदूर मोर्चा भारत संगठनों के नेताओं ने कार्यक्रम की तैयारियों पर चर्चा के लिए 3 घंटे बैठक की, जिसमें लंगर, पार्किंग, पानी की सुविधा और मंच संचालन जैसे कार्यों को लेकर योजना बनाई गई। उन्होंने बताया कि 12 फरवरी को शंभू मोर्चा के मंच से गुरु रविदास की जयंती मनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि अपने समय के महान विद्वान द्वारा दिए गए समानता और मानवता के संदेश को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, दिल्ली आंदोलन 2 का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार (12 फरवरी) को चंडीगढ़ एसकेएम, भारत के साथ होने वाली एकता बैठक में भाग लेगा और हमें उम्मीद है कि सभी संगठन हाथ मिलाने और किसानों, मजदूरों और कृषि क्षेत्र को बचाने के संघर्ष में योगदान देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि कल शाम शंभू मोर्चा पहुंचकर दिल्ली आंदोलन 2 के समर्थन में दौड़कर दिल्ली पहुंचकर किसानों व मजदूरों की जायज मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद करने वाले युवा एथलीट दिलप्रीत सिंह को किसान मजदूर मोर्चा के वरिष्ठ नेतृत्व द्वारा सम्मानित किया गया।
उन्होंने कहा कि तमाम मुश्किलों के बावजूद दिल्ली का आंदोलन भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सूरज की तरह चमक रहा है और आने वाले दिनों में इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक एमएसपी गारंटी कानून और स्वामीनाथन आयोग के निर्देशानुसार फसलों के दाम, किसानों और मजदूरों को कर्ज मुक्ति, मनरेगा के तहत साल में 200 दिन का रोजगार और 700 रुपये दिहाड़ी, किसानों और मजदूरों के लिए पेंशन योजना, आदिवासियों के लिए संविधान की पांचवीं अनुसूची लागू करना आदि सभी मांगों का समाधान नहीं हो जाता। इस अवसर पर जसविंदर सिंह लोंगोवाल, बलकार सिंह बैंस, हरजीत सिंह मांगट, तेजबीर सिंह (हरियाणा), नंद कुमार (तमिलनाडु), हरप्रीत सिंह बेहरामके, जंग सिंह भटेरी, जर्मनजीत सिंह बंडाला, बाज सिंह सारंगरा, कंधार सिंह भोएवाल, सुखदेव सिंह चाटीविंड और कंवरदलिप सैदोलेहाल के अलावा सैकड़ों किसान मजदूर उपस्थित थे।