मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला
देशभर में खुलेंगे नए केंद्रीय और नवोदय विद्यालय
देश के इन दो राज्यो मे खोले जायेेगे सबसे ज्यादा विद्यालय
चंडीगढ 7 दिसंबर (विश्ववार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट ने हाल ही में एक अहम फैसला लिया।केंद्र की मोदी सरकार देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोलेगी। इससे काफी अधिक संख्या में विद्यार्थियों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे विद्यार्थियों के हित में उठाया गया बड़ा कदम बताया है।
देश में केंद्रीय विद्यालय खोलने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘स्कूली शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा सुलभ बनाने के लिए हमारी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत देशभर में 85 नए केंद्रीय विद्यालय खोले जाएंगे। इस कदम से जहां बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को लाभ होगा, वहीं रोजगार के भी बहुत सारे नए अवसर बनेंगे।‘
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इस निर्णय की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप हम स्कूली शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी दिशा में हमने देशभर में 28 नए नवोदय विद्यालयों की मंजूरी दी है, जिससे आवासीय और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार होगा।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “हमने स्कूली शिक्षा को और सुलभ बनाने के लिए 85 नए केंद्रीय विद्यालयों को खोलने का बड़ा निर्णय लिया है। इससे विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।”
इस फैसले के तहत, सबसे अधिक केंद्रीय विद्यालय जम्मू-कश्मीर में खोले जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में 13 नए केंद्रीय विद्यालयों का निर्माण होगा। वहीं, नवोदय विद्यालयों में से 8 विद्यालय अरुणाचल प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे। केंद्र सरकार इन विद्यालयों की स्थापना के लिए आगामी 8 वर्षों में कुल 8,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। ये सभी विद्यालय पीएम-श्री स्कूलों के रूप में कार्य करेंगे, जिससे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
85 केंद्रीय विद्यालय 19 राज्यों में स्थापित होंगे
केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय के बारे में बताया कि 85 नए केंद्रीय विद्यालय 19 राज्यों में खोले जाएंगे। इनमें दिल्ली के खजूरी खास में भी एक केंद्रीय विद्यालय स्थापित होगा। इन विद्यालयों के उद्घाटन से 82,000 से अधिक छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
इन विद्यालयों के खुलने से न केवल विद्यार्थियों को शिक्षा का अवसर मिलेगा, बल्कि रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे। इस कदम से शिक्षा के क्षेत्र में विकास होगा और देशभर में शैक्षिक समानता सुनिश्चित की जाएगी।