Haryana में पूर्व राज्यमंत्री का BJP से इस्तीफा, प्रदेश की राजनीति गर्माई
भाजपा पर लगाया यह बडा आरोप
चंडीगढ़, 5 सिंतबर (विश्ववार्ता)हरियाणा के पूर्व मंत्री karnadev,kamboj ने बीजेपी छोड़ते हुए पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने बुधवार देर शाम 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी। जहां लिस्ट जारी होने के कुछ देर बाद ही पार्टी के अंदर बगावत के सुर गूंज उठे। अब स्थिति यह है कि, बीजेपी से कई नेताओं के लगातार इस्तीफे सामने आ रहे हैं। इस कड़ी में कुछ बड़े चेहरे भी शामिल हैं। हरियाणा बीजेपी ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव कंबोज ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है।
कर्णदेव कंबोज इंद्री विधानसभा सीट से टिकट न मिलने को लेकर आहत हुए हैं। कर्णदेव कंबोज इंद्री विधानसभा से टिकट चाहते थे। मगर बीजेपी ने उन्हें यहां से उम्मीदवार नहीं बनाया और उनकी जगह राम कुमार कश्यप को कैंडिडेट घोषित कर दिया। कर्णदेव कंबोज इंद्री विधानसभा से 2014 में विधायक और हरियाणा के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले एवं वन विभाग के पूर्व राज्यमंत्री थे।
पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव कंबोज ने अपना जो इस्तीफा पत्र जारी किया है। उसमें उन्होंने बीजेपी पर मुखर होकर बड़ी गंभीर बातें कहीं हैं। कर्णदेव कंबोज ने अपने इस्तीफे में लिखा- मैं बीजेपी ओबीसी मोर्चा और सभी अन्य पदों से अपना त्यागपत्र देता हूं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी पंडित दीन दयाल उपाध्याय तथा डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाली भाजपा नहीं रहीं. अब पार्टी में नुकसान करने वाले गद्दारों को तव्वजो दी जाती है. साथियों वर्षों तक मैने तथा मेरे पूरे परिवार ने भाजपा की तन मन धन से सेवा की।
पिछले पांच साल तक मोर्चे के अध्यक्ष के नाते पूरे प्रदेश में प्रवास तथा इस समय हरियाणा में 150 सामाजिक टोलियां बना कर काम पर लगी हुई हैं लेकिन अनुशासित पार्टी कहे जाने वाली भाजपा को शायद अब वफादारों की आवश्यकता नहीं है. इसलिए ऐसे लोगों के सहारे सरकार बनाना चाहती है जिन्होने हमेशा पार्टी को नुकसान पहुंचाया है जो कि कभी बन नहीं पाएगी।
कर्णदेव कंबोज ने आगे लिखा कि ऐसे नेता जो कल पार्टी में आए उनको टिकटें दी गई और जो बचपन से पार्टी की सेवा में लगे हुए हैं उनको दर किनार कर दिया. फिर कांग्रेस और बीजेपी में फर्क क्या रह गया है. बाकी का फैसला जो मेरे समर्थक लेंगे की चुनाव लड़ना है या नहीं. आगामी फैसला जो मेरे साथी करेंगे मैं उसका सम्मान करते हुए अगला कदम उठाऊंगा।