America से डिपोर्ट भारतीयों के मामले को लेकर आया विदेश मंत्री का बयान
विपक्ष ने उठाए सवाल
चंडीगढ़, 6 फरवरी (विश्ववार्ता) अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों के डिपोर्टेशन (निर्वासन) के मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में जवाब दिया. राज्यसभा में उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, ऐसा सालों से होता आ रहा है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय संबंधों में डिपोर्टेशन एक सामान्य प्रक्रिया है. यह सभी देशों की जिम्मेदारी है कि अगर उनका कोई नागरिक किसी देश में अवैध तरीके से रह रहा है तो उसको वापस लें. यह दुनिया भर के सभी देश स्वीकार कर चुके हैं. प्रत्यर्पण की यह कार्रवाई कोई नई नहीं है, यह सालों से चलती आ रही है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में डिपोर्टेशन के मुद्दे पर जवाब देते हुए कहा कि अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया है, और यह डिपोर्टेशन पहली बार नहीं हुआ। अपने बयान में विदेश मंत्री ने पूरे आंकड़े गिनवाए, उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 से ही डिपोर्टेशन के तहत मिलिट्री प्लेन से लोगों को वापस भेजा जाता रहा है। विदेश मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि फ्लाइट में किसी के साथ भी किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया गया। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अमेरिका नीति केवल एक देश पर लागू नहीं है सभी देशों के साथ ऐसा किया जा रहा है।
वहीं विपक्ष दलों के कई सांसदों ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजने के तरीके को लेकर सरकार की आलोचना की और प्रवासियों के साथ किए जा रहे, व्यवहार पर भी सवाल उठाया कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव समिति विपक्षी सांसदों ने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारतीयों के साथ किए गए व्यवहार के विरोध में संसद परिसर में प्रदर्शन भी किया। दरअसल बुधवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा। अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा निर्वाचित भारतीयों का यह पहला ग्रुप है। निर्वासित लोगों ने दावा किया की पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ पैर में हथकड़ी लगी थी और अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही उन्हें खोला गया।