भारत और कनाडा की विवाद मामले मे केंद्र में कैसे आया लॉरेंस बिश्नोई
भारत ने एक बार फिर खालिस्तान समर्थन के मुद्दे पर कनाडा को सुनाई खरी-खरी
चंडीगढ़, 18 अक्टूबर (विश्ववार्ता) भारत और कनाडा के बीच आपसी मामलो की स्थिति लगाातार बिगड़ती दिख रही है। जहां कनाडा की तरफ से लगातार भारत पर आरोपित बयान जारी हो रहे हैं तो वहीं भारत भी अब कड़े रुख में है। हाल ही में जब कनाडाई पुलिस ने यह बयान जारी किया कि, भारत सरकार द्वारा कनाडा में खालिस्तानी समर्थक तत्वों को निशाना बनाने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सहारा लिया जा रहा है तो कनाडा के इस बयान से बड़ा आश्चर्य हुआ।
बता दें खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बयान पर भारत ने कड़ा विरोध जाताया। साथ ही लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर देश में हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया था। बता दें इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि सितंबर 2023 के बाद से कनाडा की सरकार ने भारत के साथ कोई जानकारी को साझा नहीं किया। जहां राजनयिकों पर आरोप को लेकर भारत ने कनाडा के सभी आरोपों को निराधार करार दिया, वहीं अब लॉरेंस बिश्नोई गैंग के मामले में भारत ने कनाडा को निशाने पर लिया।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने गंभीर आरोप जरूर लगाया, लेकिन कोई जानकारी साझा नहीं की गई. जस्टिन ट्रूडो के बयान से भी ऐसा ही साबित होता है की उनके तमाम आरोपों को हम सिरे से खारिज करते हैं। हमको हमारे राजनायिकों की सुरक्षा की चिंता है और उसी को ध्यान में रखते हुए हमने अपने राजनायिकों को भारत वापस बुला लिया। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया, कुछ और भी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की गई थी, जिसमें गुरजीत सिंह, गुरिंदर सिंह, गुरप्रीत सिंह, लखबीर सिंह लंडा और अर्शदीप सिंह गिल शामिल है। हमारी मांग पर कनाडा की सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया और यह काफी गंभीर है।