🙏🌹 हुकमनामा श्री हरमंदिर साहिब अमृतसर 🙏🌹
🙏🌹 Hukamnama shri harimandir sahib ji 🙏🌹
अर्थ: हरेक चीज प्रभु के हुकम में ही आती है और हुकम में ही चली जाती है।अगर कोई मुरख अपने आप की (बड़ा) समझ लेता है (तो समझो) वह अँधा अंधों वाले काम करता है। हे नानक! जिस मनुख पर अपनी रजा में प्रभु कृपा करता है, वह कोई विरला गुरमुख हुकम की पहचान करता है॥१॥ जिस मनुख को सतगुरु के सन्मुख हो कर नाम की प्राप्ति होती है, (समझो) वह सच्चा जोगी है, जिस को जोग की समझ आ गयी है। ऐसे जोगी के सरीर (रूप) नगर में हरेक (गुण) बस्ता है परन्तु सिर्फ भेष कर के जोगी बन्ने वाला प्रभु-मिलाप नहीं कर सकता। हे नानक! जिस के हृदये में प्रभु प्रतख हो जाता है, ऐसा जोगी कोई एकाध ही होता है॥२॥