lifestyle”अवसाद रोधी दवाएं लेने से बचें हृदय रोगी
डिप्रेशन की दवाओं का लंबा इस्तेमाल बढ़ा सकता है हृदय रोग का खतरा
चंडीगढ़, 3 अप्रैल (विश्व वार्ता)जो लोग लंबे समय तक अवसादरोधी दवाएं लेते हैं, उनमें अचानक दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है। एक अध्ययन में पाया गया कि यह जोखिम उम्र और दवा के उपयोग की अवधि पर निर्भर करता है। अचानक हृदयाघात से तात्पर्य हृदय से संबंधित समस्या के कारण किसी व्यक्ति की अचानक मृत्यु से है। यदि किसी के साथ ऐसा होता है, तो लक्षण दिखने के एक घंटे के भीतर मृत्यु हो सकती है।
डेनमार्क के 4.3 मिलियन निवासियों पर किए गए इस अध्ययन से पता चला कि जो लोग 1 से 5 साल तक अवसादरोधी दवाएं लेते हैं, उनमें अचानक हृदयाघात का खतरा 56 प्रतिशत अधिक होता है। इसके अतिरिक्त, जो लोग इन दवाओं का उपयोग 6 वर्ष या उससे अधिक समय से कर रहे हैं, उनके लिए यह जोखिम 2.2 गुना अधिक है।
30 से 39 वर्ष की आयु के लोगों में, जिन लोगों ने 1 से 5 वर्षों तक अवसादरोधी दवाएं ली थीं, उनमें अचानक हृदयाघात का जोखिम उन लोगों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक था, जिन्होंने ये दवाएं नहीं ली थीं। जो लोग 6 वर्ष या उससे अधिक समय तक दवा लेते हैं उनमें यह जोखिम पांच गुना बढ़ जाता है। 50 से 59 वर्ष की आयु के लोगों में, जो 1 से 5 वर्ष तक अवसादरोधी दवाएं लेते हैं, उनमें अचानक हृदयाघात का जोखिम दोगुना होता है। और जो लोग 6 वर्ष या उससे अधिक समय तक दवा लेते हैं, उनके लिए यह जोखिम चार गुना बढ़ जाता है।