मंडियों में किसानों को कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी –Harchand Singh Barsat
पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन ने कहा – पंजाब राज्य की सभी मंडियों में गेहूं की खरीद के पुख्ता प्रबंध किए गए है
किसानों की सुविधा के लिए मंडी बोर्ड के मुख्य दफ्तर में कंट्रोल रूम किया स्थापित
एस.ए.एस. नगर (मोहाली) 4 अप्रैल (सतीश कुमार पप्पी ) पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन स. हरचंद सिंह बरसट ने रबी सीजन 2025-26 के दौरान गेहूं की खरीद-फरोख्त के लिए मंडियों में किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या न आने की बात पर जोर देते हुए बताया कि मंडियों में किसानों, आढ़तियों, मजदूरों की सुविधा के लिए पुख्ता प्रबंध किए गये हैं। रबी सीजन 2025-26 की शुरुआत 1 अप्रैल से हो गई है। इसके लिए मंडियों और खरीद केंद्रों की सफाई, बिजली, पीने योग्य पानी, बाथरूम, छाया आदि के प्रबंध किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि पंजाब मंडी बोर्ड की ओर से गेहूं की सरकारी खरीद करवाने के लिए कुल 1865 पक्की मंडियां घोषित की गई हैं, जिनमें 152 मुख्य यार्ड, 285 सब-यार्ड और 1428 खरीद केंद्र आते हैं। इसके साथ ही सीजन के दौरान टेंपरेरी खरीद केंद्र घोषित करने की प्रक्रिया भी चल रही है, जिसके तहत 258 टेंपरेरी मंडियां घोषित की गई हैं।
चेयरमैन ने बताया कि साल 2024-25 के दौरान पंजाब राज्य में गेहूं की कुल आमद 132.12 लाख मीट्रिक टन थी और इस साल 2025-26 के दौरान 136 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद के लिए प्रबंध किए गए हैं। गेहूं की खरीद के लिए केंद्र सरकार द्वारा रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 28,894 करोड़ की कैश क्रेडिट लिमिट जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि साल 2025-26 के दौरान गेहूं का न्यूनतम खरीद मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है, जो कि पिछले साल से 150 रुपये अधिक है। पिछले रबी सीजन में यह 2275 रुपये प्रति क्विंटल था।
उन्होंने बताया कि सीजन के दौरान किसानों की सुविधा के लिए मंडी बोर्ड के मुख्य दफ्तर में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम के टेलीफोन नंबर 0172-5101649 और 0172-5101704 पर संपर्क किया जा सकता है, ताकि समस्या का निपटारा किया जा सके। उन्होंने बताया कि सीजन के दौरान मंडियों में उच्च अधिकारियों की विशेष टीमों की ड्यूटी लगाकर चेकिंग भी की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा कि वे पूरी तनदेही के साथ गेहूं के खरीद कार्यों को सुचारू ढंग से चलाएं, ताकि किसान बिना किसी समस्या के खुशी-खुशी अपनी फसल बेचकर जल्द से जल्द अपने घर जा सकें।