केंद्रीय सरकार को राष्ट्रीय स्तर पर जिनसों के उत्पादन और खपत संबंधित सर्वे कराना चाहिए – बरसट
चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट ने “माडर्नाइजेशन ऑफ होलसेल फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्किट” विषय पर आयोजित नेशल कांफ्रेंस में लिया भाग
चंडीगढ़, मोहाली7 जनवरी (सतीश कुमार पप्पी) स. हरचंद सिंह बरसट, चेयरमैन कौसांब और चेयरमैन, पंजाब मंडी बोर्ड ने माडर्नाइजेशन ऑफ होलसेल फ्रूट एंड वेजिटेबल मार्किट विषय पर जोधपुर (राजस्थान) में आयोजित नेशनल कांफ्रेंस में भाग लिया और केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ तालमेल बिठाकर राष्ट्रीय स्तर पर जिनसों के उत्पादन और खपत संबंधित सर्वे कराने और किसानी व मंडी सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए केंद्र सरकार को राज्यों का हाथ थामने की बात कही। इस दौरान उन्होंने सभी को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व की बधाईयां दीं और कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने पूरी मानवता को जुल्मों के खिलाफ लड़ने की सीख दी और भारत की संस्कृति को बचाने के लिए अपने परिवार का बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि सभी को गुरु साहिब के दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए।
स. बरसट ने मंडियों के आधुनिकीकरण विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि आज के समय में मंडियों को अपग्रेड करने की बहुत ज़रूरत है। किसान की उपज उसके खेत से लेकर मंडी में आने और उपभोक्ता के घर तक पहुंचाने का काम साफ तरीके से होना बहुत जरूरी है। इसलिए हम सभी को मिलकर एक योजना के तहत मंडियों के आधुनिकीकरण की ओर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज के वैज्ञानिक युग में जहां पूरी दुनिया मंगल ग्रह तक पहुंच कर रही है और भारत की संस्कृति जो कभी सारी दुनिया को अगुवाई देती थी, आज वहां लोग अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी साफ-सुथरे ढंग से जीवन स्तर नहीं अपना रहे। आज ना तो सही ढंग के बीज हैं, ना ही मिट्टी की टेस्टिंग है, ना सही ढंग से फलों और सब्जियों को संभालने का प्रोटोकॉल है, ना ही मंडीकरण का प्रोटोकॉल है, ना ही साफ-सुथरी मंडियां हैं और ना ही उन्हें उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए सही ढंग के साधन हैं। ऐसे हालातों में यह सब कुछ ना किसान कर सकता है, ना ही मंडी बोर्ड कर सकते हैं और ना ही राज्य सरकारें कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि खेतीबाड़ी राज्यों का अधिकार है। पर फिर भी केंद्र सरकार को किसानों और मंडी सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए एक नीति अपनानी चाहिए और पूरे भारत में सभी उत्पादों का सर्वे किया जाना चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि किस राज्य में कौन सी फसल किस मिट्टी में कितनी मात्रा में पैदा होती है और भारत की कुल आबादी के किस हिस्से में कौन सी फसल, सब्जी, फल की कितनी आवश्यकता है और उसे वहां तक पहुंचाने के लिए किस तरह के साधनों की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि खेतीबाड़ी राज्य सरकारों का अधिकार है, तो केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ तालमेल बिठा कर उन्हें विश्वास में लेकर पूरे भारत में एक सर्वे करवाए, जिससे पूरे भारत में एक डेटा तैयार हो जाएगा और यह पता चल सकेगा कि देश की आबादी को कितनी मात्रा में फल, सब्जी, अनाज, दूध आदि चाहिए। इसके साथ ही एक सिस्टम बनाया जाए और किसानों को सही ढंग से बीज सप्लाई किए जाएं, क्योंकि पंजाब की धरती सोना उगलती है और केंद्र को देश के किसानों के हित में अच्छे फैसले लेने चाहिए।
इस मौके पर अतुल बन्नसाली एम.एल.ए. जोधपुर, रजेश चौहान एडमिनिस्ट्रेटर राजस्थान मंडी बोर्ड, आदित्य देवीलाल चौटाला, विधायक डबवाली, डॉ. जे. एस. यादव मैनेजिंग डायरेक्टर कौसांब सहित अन्य भी मौजूद रहे।