chandigarh grenade attack अमेरिका-आधारित गैंगस्टर हैप्पी पासीया द्वारा आरोपियों को वित्तीय सहायता देने के वादे झूठे साबित हुए, जांच में खुलासा
पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों और दिल्ली पुलिस के सहयोग से दूसरे आरोपी विशाल मसीह को 72 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया
पंजाब पुलिस मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशानुसार क्षेत्र में शांति और सद्भावना बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है
विस्फोटक सामग्री और हथियारों की व्यवस्था करने के अलावा, हैप्पी पासीया ने आरोपियों को भ्रमित करने के लिए शुरुआत में कुछ फंड भी प्रदान किए: डीजीपी गौरव यादव
डीजीपी पंजाब ने आतंकवादी हैंडलरों की युवाओं को भ्रमित करने वाली गतिविधियों का खुलासा करते हुए युवाओं से ऐसे तत्वों के झांसे में न आने की अपील की
चंडीगढ़, 16 सिंतबर (विश्ववार्ता) पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों और दिल्ली पुलिस से तालमेल से काम करते हुए चंडीगढ़ ग्रेनेड हमले के दूसरे आरोपी को 72 घंटों के भीतर गिरफ्तार कर लिया है और इस मामले की जांच के दौरान यह सामने आया है कि अमेरिका-आधारित गैंगस्टर हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासीया, जो पाकिस्तान-आधारित बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बी.के.आई.) के आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और आई.एस.आई. के निर्देश पर काम कर रहा था, ने घटना को अंजाम देने के लिए आरोपियों को विस्फोटक सामग्री, हथियार और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की और फिर किए गए वादे के अनुसार उन्हें काम होने के बाद वित्तीय मदद देने से इनकार कर दिया।
पंजाब पुलिस के डायरेक्टर जनरल (डीजीपी) गौरव यादव ने अपने एक्स हैंडल (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी कि विभिन्न स्रोतों से प्राप्त सुरागों के आधार पर दूसरे अपराधी विशाल मसीह पुत्र साबी मसीह निवासी गांव रायमल, नजदीक ध्यानपुर, थाना कोटली सूरत मलियां, बटाला, जिला गुरदासपुर को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि बुधवार शाम को चंडीगढ़ के सेक्टर 10 में दो व्यक्तियों द्वारा उक्त ग्रेनेड हमला किया गया था, जिसके बाद पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को एक आरोपी रोहन मसीह को हथियारों और गोलियों के साथ गिरफ्तार कर लिया था। रोहन मसीह इस समय स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एस.एस.ओ.सी.), अमृतसर के पास रिमांड पर है।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि हैप्पी पासीया ने पंजाब में अपने साथियों के माध्यम से आरोपियों को विस्फोटक सामग्री, हथियार और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की और उनके लिए कुछ वित्तीय सहायता की भी व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि अपराध को अंजाम देने के बाद, दोनों आरोपी अमृतसर गए, जहां से दोनों ने अपने रास्ते अलग कर लिए। उन्होंने बताया कि विशाल पहले जम्मू-कश्मीर गया और वहां से दिल्ली चला गया, जहां पुलिस टीमों ने उसे पकड़ लिया।
उन्होंने आगे बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि हैप्पी पासीया ने घटना को अंजाम देने वाले व्यक्तियों को भ्रमित करने के लिए शुरुआत में कुछ फंड प्रदान किए और उनके साथ घटना को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद और अधिक पैसे देने का वादा किया था। उन्होंने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपियों ने हैप्पी पासीया द्वारा किए गए वादे के अनुसार और पैसे लेने के लिए उससे संपर्क किया, लेकिन उन्हें हैप्पी पासीया से केवल बहाने मिले और बाद में उसने उनका फोन उठाना भी बंद कर दिया, जिससे सारे वादे झूठे साबित हो गए।
डीजीपी ने इन देश-विरोधी तत्वों द्वारा युवाओं को भ्रमित करने के तरीकों के बारे में बात करते हुए उनसे ऐसे आतंकवादियों से सतर्क रहने की अपील की, जो अपना काम निकलवाने के लिए झूठे वादों से लोगों को भ्रमित करते हैं और फिर उन्हें फंसा कर खुद अलग हो जाते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐसे आपराधिक तत्वों के झांसे में आने से बचें, जो उन्हें भ्रमित करने के लिए पहले तो झूठे वादे करते हैं और फिर काम होने के बाद उन्हें बीच में छोड़ देते हैं।
गौरतलब है कि विदेशी हैंडलरों द्वारा युवाओं को भ्रमित करके अपना काम निकलवाने की यह चाल पिछले जांच करवाईयो
में भी सामने आई है, जिसमें ऐसे हैंडलर पहले तो भोले-भाले युवाओं को झूठे वादे करके अपने जाल में फंसाते हैं और फिर काम पूरा होने के बाद उनका साथ छोड़ देते हैं।
और विवरण देते हुए एआईजी एसएसओसी अमृतसर सुखमिंदर सिंह मान ने बताया कि इस पूरी साजिश और हैप्पी पासीया के स्थानीय नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए चंडीगढ़ पुलिस के साथ समन्वय से इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने आरोपी विशाल मसीह को अदालत में पेश कर 20 सितंबर 2024 तक उसका रिमांड हासिल कर लिया है।