सिख धर्म के संस्थापक Guru Nanak Dev ji का ज्योति जोत पर्व आज
चंडीगढ़, 27 सिंतबर (विश्ववार्ता) सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी महाराज का ज्योति जोत पर्व आज देशभर मे मनाया जा रहा है। इस दिन पंजाब सहित देशभर में भी अलग अलग स्थानों के गुरुघर में सुबह से कीर्तन पाठ और लंगर की सेवा की जा रही है। जहां बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग मौजूद रहेंगे. गुरु नानक देव जी का मध्य प्रदेश से गहरा संबंध रहा है। उन्होंने मध्य प्रदेश की दो यात्राएं की थी. उनकी यात्रा का स्मरण यहां के गुरुद्वारों से होता है। नानक जी की उज्जैन में कही हुई वाणी गुरु ग्रंथ साहिब में भी दर्ज हैं।
गुरु नानक देवजी का जन्म 15 अप्रैल 1469 ई. को तलवंडी राय नामक स्थान पर हुआ था. वर्तमान में इस जगह को ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है, जो पाकिस्तान में है. यह स्थली सिख धर्म से जुड़े लोगों के लिए बेहद पवित्र मानी जाती है. गुरु नानक देवजी के पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्ता देवी था. उनकी पत्नी का नाम माता सुलखानी था. गुरु नानक देवजी के जीवन को तीन चरणों में बांटे तो उनके जन्म स्थान ननकाना साहिब (पाकिस्तान), सुल्तानपुर लोधी (भारत) और करतारपुर शहरों का खास महत्व है।
गुरु नानक देवजी ने मध्य प्रदेश का दो बार दौरा किया. पहली यात्रा में वे उड़ीसा के पुरी, भुवनेश्वर से लौटकर मध्य प्रदेश के सारंगढ़ पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने अमरकंटक का दौरा किया और फिर जबलपुर आए. यहां से वे चंदेरी, झांसी, ग्वालियर, करौली, धौलपुर और भरतपुर का दौरा करते हुए मथुरा पहुंचे. अमरकंटक, जबलपुर, ग्वालियर और मथुरा के गुरुद्वारे गुरु नानक की पहली यात्रा का स्मरण कराते हैं।
अपनी दूसरी यात्रा के दौरान उन्होंने राजस्थान के बांसवाड़ा से मध्य प्रदेश में प्रवेश किया और मध्य प्रदेश के जावरा पहुंचे. इसके बाद महिदपुर से गुजरते हुए उन्होंने उज्जैन का दौरा किया जो प्राचीन काल में अवंतिका के नाम से जाना जाता था।