हाथ-पैर होने लगें कमजोर, तो हाे जाएं सावधान
तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क
चंडीगढ़, 14 फरवरी (विश्ववार्ता) जीबीएस सिंड्रोम के मामले में लगातार सामने आ रहे हैं। अब तक कई लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इसे देखते हुए लोगों के जेहन में इसे लेकर कई तरह के सवाल आ रहे हैं। मसलन, यह क्या है? कैसे फैल रहा है? इसके शुरुआती लक्षण क्या है? इसके लक्षण देखे जाने पर मरीज को तुरंत क्या करना चाहिए? इन्हीं सब सवालों को लेकर फोर्टिस अस्पताल के डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने विस्तार से बताया कि आखिर यह क्या है? इससे कैसे बचा जाए? इसके शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं?
डॉ. कामेश्वर प्रसाद बताते हैं कि जीबीएस का पूरा नाम ‘गिलियन-बैरे सिंड्रोम’ है। इसे सबसे पहले गिलियन-बैरे सिंड्रोम ने डिस्क्राइब किया था। यह प्रमुख रूप से हमारे हाथों और पैरों को प्रभावित करता है। नसों से ही हमारा चलना मुमकिन हो पाता है। चलने फिरने का संदेश ब्रेन से हाथ पैर में पहुंचता है, तभी हम चल फिर पाते हैं। लेकिन, जब यह डिस्कनेक्ट हो जाता है, तो हमारा चलना नामुमकिन हो जाता है। आप कह सकते हैं कि यह एक नसों की बीमारी है, जिसे नीरपैथी कहते हैं। इसका सबसे सामान्य लक्षण हाथों, पैरों मे कमजोरी है।