Punjab भर मे डाक्टरों की हडताल से स्वास्थ्य सेवा चरमराई
पूरी तरह से OPD सेवाएं बंद होने से मरीज हुए बेहाल
दर-दर भटकते रहे मरीज
चंडीगढ़, 13 सिंतबर (विश्ववार्ता) पंजाब में डॉक्टरों की हडताल से पूरी तरह से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद रखने का फैसला पंजाब सरकार द्वारा डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के बारे में औपचारिक लिखित आश्वासन नहीं दिए जाने के बाद लिया गया। डॉक्टरों और सरकार के बीच हुई बैठक में मौखिक रूप से सहमति बनी थी, लेकिन डॉक्टरों को कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया, जिसके बाद डॉक्टरों ने अपना विरोध तेज करते हुए ओपीडी पूरी तरह बंद रखने का ऐलान किया।
पंजाब मंत्रिमंडल की उप-समिति के साथ यहां हुई बैठक के बाद प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने बुधवार कहा कि समिति सैद्धांतिक रूप से उनकी सभी मांगों पर सहमत हो गई है, जिसमें सुनिश्चित पदोन्नति योजना (एसीपी)की बहाली भी शामिल है। उन्होंने कहा कि लेकिन उनकी मांगों पर कोई लिखित आश्वासन न मिलने की वजह से चिकित्सकों ने अपने आंदोलन के अगले चरण पर आगे बढऩे का फैसला किया है।
पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज (पीसीएमएस) एसोसिएशन के बैनर तले करीब 2,500 राजकीय चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांगों में एसीपी योजना को बहाल करना और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय की मांग शामिल है।
आपको बता दे कि पहले ओपीडी सिर्फ 3 घंटे के लिए बंद रहती थी, लेकिन अब इसे पूरी तरह बंद रखा जाएगा। इस दौरान पंजाब भर के अस्पतालों में सिर्फ आपातकालीन सेवाएं ही चालू रहेंगी। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज (पीसीएमएस) एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करने वाले पंजाब के डॉक्टरों ने शुरुआत में कैबिनेट सब-कमेटी के साथ बातचीत की है, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह, वित्त मंत्री डॉ. हरपाल सिंह चीमा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा, अनिवासी भारतीय मामलों के मंत्री कुलदीप धालीवाल शामिल थे। बैठक के दौरान उप-समिति ने डॉक्टरों की मुख्य मांगों, खास तौर पर एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन (एसीपी स्कीम) की बहाली पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई।
हालांकि, एसीपी स्कीम को बहाल करने और अन्य मांगों को पूरा करने के लिए उप-समिति द्वारा मौखिक सहमति के बावजूद पंजाब सरकार की ओर से कोई लिखित पुष्टि नहीं की गई। इसके चलते पीसीएमएस एसोसिएशन ने आज यानी 12 सितंबर से लगातार तीन दिनों तक ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद रखने के साथ आंदोलन का अगला चरण शुरू किया।
डॉक्टरों के विरोध के अलग-अलग चरण
सरकार से मिले आश्वासन के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल को 3 चरणों में बांट दिया। जिसका पहला चरण पूरा हो चुका है। पहला चरण 9 से 11 सितंबर तक था, जिसमें सुबह 8 बजे से 11 बजे तक ओपीडी सेवाएं बंद रखी गई। दूसरा चरण 12 से 15 सितंबर तक चलने वाला है। जिसमें ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद रखी गई हैं। तीसरा चरण 16 सितंबर के बाद होगा। इसमें डॉक्टर ओपीडी के साथ-साथ मेडिकल लीगल करने से साफ इनकार कर देंगे।