Punjab CM भगवंत मान के प्रयासों से धान की खरीद के लिए रास्ता साफ, मिल मालिकों की हड़ताल समाप्त
मुख्यमंत्री भारत सरकार के समक्ष रखेंगे शैलर मालिकों की मुख्य मांगें
राज्य से संबंधित प्रमुख मांगों को स्वीकृत किया गया
मार्च, 2025 तक लगभग 90 लाख टन भंडारण स्थान सुनिश्चित किया जाएगा
महीने के अंत तक लगभग 15 लाख टन गेहूं और धान राज्य से बाहर ले जाया जाएगा
चंडीगढ़, 5 अक्तूबर (विश्ववार्ता) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की ओर से आज राज्य सरकार की ओर से शैलर मालिकों की सभी जायज़ मांगों को भारत सरकार के समक्ष उठाने का आश्वासन दिए जाने के बाद राज्य की मिलर्स एसोसिएशन ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।
एसोसिएशन के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही भारत सरकार के समक्ष फसल के भंडारण की कमी का मुद्दा उठाया है, जिसके बाद केंद्र सरकार दिसंबर, 2024 तक राज्य में 40 लाख टन स्थान खाली करने और मार्च 2025 तक 90 लाख टन स्थान खाली करने पर सहमत हो गई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इसके संबंध में गेहूं और धान की ढुलाई के लिए लिखित आश्वासन दिया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि एफसीआई ने राज्य से इस महीने के अंत तक 15 लाख टन गेहूं और धान की ढुलाई की योजना पहले ही सौंप दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के स्वामित्व/किराए के गोदामों में 48 लाख टन गेहूं का भंडारण किया गया था और इसे मार्च 2025 तक हटा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे खाली हुई जगह धान के भंडारण के लिए उचित तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा, जिसकी संभावना की जांच डिप्टी कमिश्नर के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम करेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस समिति में एफसीआई और राज्य की खरीद एजेंसियों के सदस्य होंगे जो गोदामों से अनाज की निर्बाध आवाजाही की निगरानी करेंगे। एक अन्य मुद्दे पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन मिलों के पास 5000 टन से अधिक धान भंडारण की क्षमता है, उन्हें 5 प्रतिशत अधिग्रहण लागत के बराबर बैंक गारंटी देने की आवश्यकता है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि अब से मिलर्स से बैंक गारंटी लेने के बजाय, मिल की भूमि के रिकॉर्ड के आधार पर विभाग के पक्ष में ‘लीन’ (अधिग्रहण का अधिकार) किया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने मिलर्स की 10 प्रतिशत सीएमआर सिक्योरिटीज वापस करने पर भी सहमति व्यक्त की, जो लंबे समय से लंबित थी। मुख्यमंत्री ने एक अन्य मुद्दे पर सहमति व्यक्त करते हुए मिलर्स को बड़ी राहत दी कि अब से मिलर्स को सीएमआर की 10 रुपए प्रति टन के हिसाब से अदायगी करनी होगी। मिलर्स की एक और मांग को स्वीकार करते हुए, उन्होंने मौजूदा मिलों के आवंटन के लिए भौतिक सत्यापन से छूट देने की भी मंजूरी दी है। भगवंत सिंह मान ने सहमति जताते हुए कहा कि खरीफ मंडीकरण सीजन-2024-25 के लिए मिलिंग एफआरके टेंडर के बाद शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिया कि फसल की नमी को ध्यान में रखते हुए धान की कटाई शाम 6 बजे से सुबह 10 बजे तक नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने मंडी बोर्ड को एफसीआई की तर्ज पर नमी मापने वाले मीटर खरीदने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि धान की खरीद के दौरान 17 प्रतिशत नमी सुनिश्चित की जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार के समक्ष राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के 0.50 प्रतिशत से 1 प्रतिशत तक धान की सूखाई की बहाली, मिल से बाहर पहुंचाए गए चावल के लिए परिवहन खर्च की प्रतिपूर्ति और पिछले परिवहन के खर्चों की वसूली न करने जैसे मुद्दे भी उठाएगी।